कुली नम्बर वन (Govinda ke Dialogue)
- मोहब्बत मज़हब जात पात ऊंच नीच कुछ नहीं देखती है सैकेट्री, मोहब्बत तो अंधी होती है रे। चौधरी का लेवल आज नीचे है तो क्या हुआ ? हम उसकी बेटी से शादी करने के बाद उसे दो चार फैक्ट्री दान में दे देंगे। उसके बाद उसका स्टैण्डर्ड खुद ब खुद उठ जायेगा।
- गोविंदा – सेकेट्ररी देखो हमारी जो सीमेंट की फैक्ट्री है ना, वो छोटा सा झाड़ है ना, वहां पर होगी। अच्छा सुनो हमारी जो सीमेंट की फैक्ट्री होगी ना वो 400 फ़ीट नीचे होनी चाहिए और सिर्फ 100 फ़ीट ऊपर होनी चाहिए, ताकि दुनिया को पता न लगे कि हमारी फैक्टरी कितनी बड़ी है। और हमारा हेलीकाप्टर, हमारा हेलीकाप्टर तुम वहां पर हैलीपैड बनाओ, वहीं पर उतरेगा और पिछली तरफ, पिछली तरफ तुम रेलवे प्लेटफॉर्म बनाओ।
दूसरा कलाकार – रेलवे प्लेटफॉर्म क्यों ?
गोविंदा – माल कहाँ उतरेगा? माल कहाँ उतरेगा ?
दूसरा कलाकार – लेकिन सर उसके लिए परमिशन ?
गोविंदा – तुम उसकी फ़िक्र मत करो, मैंने प्राइम मिनिस्टर साहब से बात कर ली है।
दूसरा कलाकार – कुंवर साहब !
गोविंदा – अरे भाई क्या है ? रेलवे प्लेटफॉर्म बना नहीं और कुली का काम करने के लिए लोग आ गए।
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- अरे तो इस दुनिया में कौन कुली नहीं है ? कोई ग़मों का बोझ उठाता है, कोई कर्जे का, तो कोई जिंदगी का। और तू तो धरती पे बोझ है साले। जिस दिन मरेगा ना, उस दिन बजरंग बली के मंदिर में जाके नारियल फोड़ूंगा मैं। ए लड़की तू मेरे को बहुत पसंद है, लेकिन तेरा बाप बहुत हलकट है। अपने को इस घर में रिश्ता मंगता नहीं है क्या। मंगता है तो छोड़ डाल इसको।
- दुनिया मेरा घर है, बस स्टॉप मेरा अड्डा हैं। जब मन करे आ जाना, राजू मेरा नाम है और प्यार से लोग मुझे बुलाते हैं…. कुली नंबर वन।
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एक और एक ग्यारह (Govinda ke Dialogue)
- ओए आपकी कुड़ी ने हमारे बाबा का दिल लूट लिया। अब हम भी लूटेंगे, आपकी बैंक। रात को यहीं सो जायेंगे और सुबह पूजा के बाद आप हमें खुद बैंक ले जायेंगे। खुद अपने हाथों से बैंक लुटवाएंगे। फिर बाहर भी छोड़ के आएंगे। उसके बाद पुलिस, कोर्ट, अफसर, ज़ी न्यूज़, आज तक बहुत नाम हो जायेगा।
जोड़ी नंबर वन (Govinda ke Dialogue)
- हाँ जी हमारे पास कुछ नहीं है। मेरे बोलने का मतलब है कि हमारे पास वो सब कुछ नहीं है, जो यहाँ पर मौजूद बड़े बड़े लोगों के पास है। हमारे पास मल्होत्रा साहब की तरह बैटर मटीरियल नहीं है। हमारे पास ठकराल साहब की तरह मैन पावर नहीं है। हमारे पास सिंघानिया साहब की तरह वो क्या कहते हैं वो वो …… लेटेस्ट मशीनरी नहीं है। मगर हमारे पास वो सब कुछ है, जो इन लोगों के पास नहीं है। हमारे पास वो सारी चीजें हैं, जो हमें देश के बड़े बड़े आत्माओं ने दी है। हमारे पास आत्मिश्वास है, हमारे पास दृढ़ संकल्प है, हमारे पास सच है, हमारे पास हौसला है, हमारे पास नीति है और हमारे जो वड्डे पाजी हैं, इनके पास दूर दृष्टि है, पक्का इरादा है, अनुशासन है। आप हम से हाथ मिलाकर ईमानदारी की उम्मीद कर सकते हो। आप हम से हाथ मिलाकर बैटर क़्वालिटी की उम्मीद कर सकती हो और हम से हाथ मिलाकर आप लोग अपना सर फख्र से ऊँचा कर सकते हो। और आज मैं एक बात चैलेंज मार के बोल देना चाहता हूँ कि यहां पर जितने भी बड़े बड़े बड़े बड़े लोग मौजूद हैं, वो लोग सुन ले कि ये लोग है ना आपकी कंपनी के अंदर अपना पैसा लगा सकते हैं, अपना पसीना लगा सकते हैं, लेकिन हम लोग आपके साथ अपना दिल लगाएंगे, अपना खून लगाएंगे, अपनी जान लगाएंगे एंड आई थिंक आई ऍम राइट, क्यूँ जय पाजी।
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दीवाना मस्ताना – (Govinda ke Dialogue)
- हटा सावन की घटा, खाड खुजा बत्ती बुझा के सो जा।
निनटक ले पिंटुक ले।
मंटी पे खडेली अंटी, बजा रेली है बार बार घंटी।
कुल्ला घुमा के पश्चिम को पलट ले।
बहुत हो गया फुट ले वट ले शाना बन क्या।
- ये दुनिया एक बस स्टॉप है और लड़की एक बस। पीछे भागो तो साला छूट जाती है और वहीँ खड़े रहो तो दूसरी आ जाती है।
स्वर्ग – (Govinda ke Dialogue)
- हाँ हाँ मैं एक मुजरिम हूँ। जुर्म की काली दुनिया के लोग मेरे नाम से भी कांपते हैं। इंसानियत के नाम पे बदनुमा धब्बा हूँ मैं। मैं जानता हूँ, मैं जानता हूँ कि तुम मेरे नाम से भी नफरत करती हो, मुझे बहुत बड़ा गलत इंसान समझती हो। मगर मेरा ये विश्वास है कि दुनिया में कोई इंसान बुरा नहीं होता। कोई आदमी अपनी माँ के पेट से बुरा पैदा नहीं होता। कोई चोर अपनी ख़ुशी से चोरी नहीं करता, कोई डाकू अपनी ख़ुशी से डाका नहीं डालता, कोई तवायफ अपनी ख़ुशी से अपना जिस्म नहीं बेचती। वक्त और हालात, वक्त और हालात इंसान को बुरा बनने पे मजबूर कर देते हैं और तुम तो अच्छे से जानती हो कि भूख और गरीबी से मरे हुए इंसान को कफ़न भी नसीब नहीं होता। तब से मैंने जिंदगी में एक ही चीज़ सीखी हैं, एक ही सबक पाया है। दुनिया में गरीब पैदा होना कोई जुर्म नहीं कोई पाप नहीं लेकिन गरीब मरना सबसे बड़ा जुर्म है, सबसे बड़ा पाप हैं।
साजन चले ससुराल – (Govinda ke Dialogue)
- इतनी नफरत की निगाहों से मत देख मुझे। मेरा अंदाज़ दुनिया से निराला है। मेरे गुरु ने कहा है कि बहुत जल्द मेरा वक्त बदलने वाला है।
- चाय, सिगरेट, खैनी, बीड़ी, पान, ज़र्दा, तम्बाकू, ब्रांडी, व्हिस्की या रम, इन सब चीजों के मैंने पाले ही नहीं गम।
बड़े मियां छोटे मियां – (Govinda ke Dialogue)
- हमें तो पहले ही मालूम था, वो आपके लायक नहीं है। ऐसे ही जबरदस्ती पीछे पड़ गया। लायक तो हम हैं आपके। आजमा कर देख लीजिये, नचा कर देख लीजिये, लड़ा कर देख लीजिये, गवां कर देख लीजिये, गले लगा कर देख लीजिये, एक बार अपनाकर देखो माधुरी।
- तुम क्या अपने आप को मुगले आजम हम लोग को अनारकली समझता है क्या रे ? कितना नचा रहा है बे ?
हद कर दी आपने – (Govinda ke Dialogue)
- ए मदमस्त जवानी, ए खूबसूरती की रानी, मलिका ए हुस्न, अजंता की मूरत, क्या कहूं कि तू है कितनी खूबसूरत। डार्लिंग दो चॉकलेट क्या दिए, तुम्हारा तो टोटल साइज ही चेंज हो गया।
दूल्हे राजा – (Govinda ke Dialogue)
- आज तक मुझे तुम जैसी कोई लड़की दिखी ही नहीं, दिखी नहीं तो मिली ही नहीं, मिली ही नहीं तो बात बनी ही नहीं, बात बनी ही नहीं तो बात आगे बढ़ी ही नहीं , इसलिए मैं जिंदगी में पीछे रह गया। लेकिन अब तुम मिल गई हो, तो ऐसा लगता है कि जिंदगी में कुछ आगे बढ़ने का चांस है।
- हराम की दौलत, जबरदस्ती का प्यार और गन्दा बदबूदार खाना। इन तीनों का एक ही हश्र होना चाहिए। उन्हें उठाकर कचरे के डिब्बे में फेंक देना चाहिए।
- तू सिंगल पसली है। ये फाइटर असली है।
- आज पूछुंगा खुदा से। उसने मुझे दो चार हाथ और क्यों नहीं दिए।
- मेरी माँ ने कहा था कि कब कोई बुजुर्ग तुम पर हाथ उठाये तो उसका जवाब मुस्कुरा कर देना।
हसीना मान जाएगी – (Govinda ke Dialogue)
- वो क्या है ना गुलजारी लाल जी। आपका नाम लेकर मैं इन बेचारी लड़कियों को तंग किया करता था। वरना ऐसा हो सकता है कि मेरे होते हुए आपको लड़कियां मार जाये।
क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता – (Govinda ke Dialogue)
- ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है बुढऊ और तुम मुझ ही को कोस रहे हो। बेटी को पाला पोसा बंगले के अंदर और फिर साला शादी के बाद बाद सड़ने के लिए छोड़ दिया चाल के अंदर। अरे वो तो कमअकल थी, लेकिन तुम को तो अकल थी। तुम तो रोक सकते थे उसको। मैंने तुमको अपना गुरु माना। लेकिन तुमने क्या किया मेरे साथ ? गुरूद्वारे के बाहर हाथ में कटोरा लेकर भिखारी बना कर खड़ा कर दिया और कहा बेटा मांग भीख। बड़े दामाद को दे दी चलाने के लिए कंपनी और मुझे क्या दिया ‘सोशल सर्विस सेंटर’। कहा गरीबों की दुआ लगेगी। मेरी बद्दुआ का डर नहीं लगा तुझे बुढ्ढे। बड़ी बेटी की शादी के बाद रिटायर नहीं हुआ, लेकिन मेरी शादी करते ही रिटायर होकर भिंडी और आलू उगाने चला गया गाँव के अंदर। और याद है, किस तरह से मेरी पीठ पे हाथ मार कर मुझे कहा , आई ऍम प्राउड ऑफ़ यू माय सन आई ऍम प्राउड ऑफ़ यू। मेरी बेटी खाली हाथ घर से जा रही है। अरे यार जब बच्ची के हाथ में कुछ दोगे ही नहीं तो खाली हाथ ही जाएगी घर से। इतना भी नहीं कि महीने दो महीने का खर्चा दे देते। लेकिन ना। कहा कि मेरी सारी चिंता दूर हो गई। अरे अपनी चिंता जब दूसरों को दे दोगे तो चिंता तो दूर होगी ही ना। दो बेटी पैदा कर सकते हो लेकिन दो घर दामाद नहीं पाल सकते बे ।
हीरो नम्बर वन – (Govinda ke Dialogue)
- छह महीने तांन्त्रिक विशम्भरनाथ जी की सेवा की और उनसे तंत्र सीखा। जान लेना , जान देना, कान, आँख, नाक, पैर, अकड़न, जकड़न, जकदबाम्बू, जकड तिंगड़ू, सब कुछ कर सकता हूँ। एक फूंक में किसी को भी बर्बाद कर सकता हूँ।
- मैं तेरे प्यार में क्या क्या न बना मीना। कभी बना कुत्ता, कभी कमीना।
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