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Amitabh Bachchan ke Dialogue

अमिताभ के ये डायलॉग्स बहुत ज्यादा हिट तो नहीं हुए, लेकिन Big B के दीवानों को पसंद जरूर आएंगे-Amitabh Bachchan ke Dialogue in Hindi

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Amitabh Bachchan ke Dialogue – बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के कालजयी डायलॉग्स का हर कोई दीवाना है। इंटरनेट पर उनकी हिट फिल्मों के डायलॉग्स भरे पड़े हैं। उनके कुछ डायलॉग्स तो इतने फेमस हुए हैं कि फिल्म का शौक न रखने वाले लोगों को भी वो अच्छे से याद हैं। लेकिन उनके बहुत से डायलॉग्स ऐसे भी हैं, जिन्हे दर्शकों ने फिल्म में तो बहुत पसंद किया, लेकिन ज्यादातर लोग उनसे अनजान ही रहे। आज की पोस्ट में आपको कुछ ऐसे डायलॉग्स के बारे में बताएंगे, जो बहुत ज्यादा हिट तो नहीं हुए, लेकिन Big B के दीवानों को पसंद जरूर आएंगे।

‘बड़े मियां छोटे मियां’ के डायलॉग्स – Amitabh Bachchan Dialogue in ‘Bade Miyan Chote Miyan’

1) अगर अब भी हमारी बातों पर यकीन न आ रहा हो, तो बता दें कि वैशाली नाम की लड़की से आपका प्रेम है। और एक बात बता दें कि वैशाली के जो पिता हैं वो इस सम्बन्ध से बहुत नाखुश हैं। दो बार आपकी जान पर हमला हो चुका हैं। दो बार असफल रहा, तीसरी बार सफल हो जायेगा।

2) डाकू मोहर सिंह को हमने पकड़ा। जब मैं डाकू मोहर सिंह को पकड़ने निकला, तो हम दोनों में जबरदस्त रेस हुआ। वो आगे आगे पैदल मैं पीछे पीछे जीप में । अब पक्की ख़तम कच्ची स्टार्ट, मोहर सिंह के पांव छिल गए, हमारी आँख में आसूं। मैंने कहा मोहर भैया तुम आके जीप में बैठ जाओ। पक्की आते ही मैंने कहा उतर तेरी खर थारी का मारू। अब पक्की ख़तम जंगल स्टार्ट। वो भी पैदल मैं भी पैदल, साथ में दलदल।

मोहन सिंह एक्सपर्ट कूद के उस पार। मैंने जम्प लगाईं लुढ़क कर के दलदल के अंदर। अब धीरे धीरे दलदल के अंदर फंस रहा हूँ। अकेला मैं, ना जानवर, ना इंसान, ना परिंदा। धीरे धीरे दलदल में अंदर फंसता जा रहा हूँ। समझ में नहीं आ रहा अपनी जान कैसे बचाऊँ। अचानक एक आइडिया आया, पड़ोस वाले गांव में गया, रस्सी लेकर आया, खुद को निकला और यहाँ …… ।

‘मोहब्बतें’ के डायलॉग्स – Amitabh Bachchan Dialogue in ‘Mohabbatein’

3) परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन, ये इस गुरुकुल के तीन स्तम्भ हैं। ये वो आदर्श हैं जिनसे हम आपका आने वाला कल बनाते हैं। जब तक आप यहाँ हैं, गुरुकुल ही आपकी दुनिया है। अगर कोई भी स्टूडेंट गुरुकुल की परंपरा या अनुशासन को तोड़ता हुआ पकड़ा गया तो वो उसी वक्त यहाँ से निकाल दिया जायेगा। और एक बात याद रखिये कि अगर एक बार आप यहाँ से निकाले गए तो हमारे साथ इस देश के सारे इंस्टीट्यूशंस के दरवाजे भी आपके लिए बंद हो जायेंगे।

4) इस इमारत के नींव इतनी मजबूत है कि कोई राज आर्यन हाथों में वायलिन और चेहरे पे मुस्कान लिए यहां उसकी एक भी ईंट हिलाने के लिए कदम नहीं रख सकता।

‘कभी ख़ुशी कभी गम’ के डायलॉग्स – Amitabh Bachchan Dialogue in ‘Kabhi Khushi Kabhie Gham’

5) रायचंद, ये नाम ये इज़्ज़त हमारे पुरखों की दी हुई अमानत है। इसका आदर करना, इसका सम्मान करना हमारा धर्म है। इस धर्म के बीच कोई मामूली मोहल्ले की लड़की आ जाये, ये मैं कभी बर्दाश्त नहीं कर पाउँगा। तुमने एक बार भी ये नहीं सोचा कि जहाँ ये लड़की पड़ी बढ़ी है, जहाँ से वो आई है, उसका वजूद क्या है ? एक बार भी तुमने यह नहीं सोचा कि क्या वो लड़की हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति समझ पायेगी ?

क्या ये लड़की हमारे रीति रिवाज समझ पायेगी? क्या ये लड़की हमारे कायदे हमारे उसूलों को समझ पायेगी ? क्या वो इस परिवार की परंपरा का पालन कर कर पायेगी ? क्या वो … ? तुमने सोच कैसे लिया कि वो हमारे परिवार का एक हिस्सा बन सकती हैं ? कैसे सोच लिया कि वो मेरे परिवार का हिस्सा बन सकती है ? कैसे सोच लिया ?

‘अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों’ के डायलॉग्स – Amitabh Bachchan Dialogue in ‘ab tumhare hawale watan sathiyo’

6) जिस देश में पैदा हुए हो तुम, उस देश के गर तुम भक्त नहीं। नहीं पिया दूध मां का तुमने और बाप का तुमने रक्त नहीं।

‘बागबान’ के डायलॉग्स – Amitabh Bachchan Dialogue in ‘Baghban’

7) पहले लोग बाप के चेहरे में ईश्वर देखते थे। मां के चरणों में उन्हें स्वर्ग दिखाई देता था। लेकिन अब लोग समझदार हो गए हैं। आज की पीढ़ी बहुत होशियार और प्रेक्टिकल हो गई। उनके लिए हर रिश्ता एक सीढ़ी की तरह है, जिस पर पांव रखकर वो आगे निकल जाते हैं। और जब उस सीढ़ी का कोई इस्तेमाल नहीं रह जाता तो उसे घर के टूटे कुर्सी -मेज, टूटे फूटे बर्तन, फटे पुराने कपडे, कल के अख़बार की तरह रद्दी समझ कर कबाड़ खाने में फैक देते हैं।

8) मां बाप किसी सीढ़ी के पहले पायदान नहीं होते। मां बाप जिंदगी के पेड़ की जड़ें हैं। पेड़ कितना ही बड़ा क्यों न हो जाये, कितना ही हरा भरा क्यों न हो जाये , जड़ काटने से वो हरा भरा नहीं रह सकता।

‘हम’ के डायलॉग्स – Amitabh Bachchan Dialogue in ‘Hum’

9) देखो गोंसाल्विस इस दुनिया में दो तरह का कीड़ा होता है। एक वो जो कचरे से उठता है और दूसरा वो जो पाप की गंदगी से उठता है। कचरे वाला कीड़ा इंसान को बीमार कर देता है। मगर पाप की गंदगी का कीड़ा सारे समाज को बीमार कर देता है। कचरे के कीड़े को मारने के लिए फ्लिप बाजार में मिलता है। मगर पाप के कीड़े को मारने वाला फ़्लिप साला बना ही नहीं है आज तक।

‘थग्स ऑफ़ हिन्दुस्तान’ के डायलॉग्स – Amitabh Bachchan Dialogue in ‘Thugs of Hindostan’

10) ढाई दिन की दुपहरी, चाँद रात अमावस की, शीशम के घोड़े पर हो के सवार, आएगी शामत गुनहगारों की।

‘पिंक’ के डायलॉग्स – Amitabh Bachchan Dialogue in ‘Pink’

11) हमारे यहाँ घडी की सुई कैरेक्टर डिसाइड करती करती है। आज तक हम सब लोग एक गलत डायरेक्शन में एफर्ट करते रहे। We should save our boys, not our girls. Because if we save our boys, our girls will be safe.

‘खाकी’ के डायलॉग्स – Amitabh Bachchan Dialogue in ‘khakee’

12) अगर मौत से इतना डरते हो तो खाकी क्यों पहनी तुमने। खाकी पहनने का मतलब समझते हो। फ़र्ज़ को जिंदगी से बढ़कर समझना, अंडरस्टैंड।

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