एक पिंजरे में आने के बाद शेर भी कुत्ता बन जाता है, तू क्या चाहता है, मै यहाँ कुत्ता बनकर रहूँ। तूं कहे तो काटू, और तू कहे तो भौंकू।

– जब हमारे देश को बांटा गया था, तो उसी समय मेरे ही देश ने तुम्हे 65 करोड़ रूपये दिए थे। तब जाकर तुम लोगो के सिर पे तिरपाल आई थी। बारिश से बचने की औकात नही है, और गोलीबारी की बात करते हैं आप लोग।

– एक पिता की तरह अपनी बेटी को विदा कर दीजिये, नहीं तो.... अगर ये जट बिगड़ गया तो सबको को ले मरेगा।

– तारीख पे तारीख, तारीख पे, तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख मिलती रही है, लेकिन इन्साफ नही मिला जज साहब, इन्साफ नही मिला। मिली है,तो बस ये तारीख।

– अगर कल अदालत में तूने बत्तमीजी की, तो तुझे वहीँ मारूंगा। जज आर्डर-आर्डर करता रहेगा। लेकिन तू पीटता रहेगा। – 

– झक मारती है पुलिस, उतार कर फेंक दो ये वर्दी और पहन लो बलवंत राय का पट्टा अपने गले में।

– काजल, इन हाथों ने सिर्फ हथियार छोड़े हैं। उन्हें चलाना नहीं भूले।

– ये मजदूर का हाथ है कात्‍या, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है।

– एक कागज़ पर अगर मोहर नहीं लगेगी, तो क्या तारा पकिस्तान नही जा पाएगा। मेरे बच्चे को उसकी माँ से मिलने के लिए कोई सरहद नहीं रोक सकती।

– चड्ढा समझा दे इसे, ऐसे खिलौने बाज़ार में बहुत मिल जाते है, मगर इससे खेलने के लिए, जो जिगर चाहिए, वो दुनिया के किसी बाज़ार में नही बिकता। मर्द उसे लेकर पैदा होता है।