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Rashmi Rocket

तापसी पन्नू की रश्मि राकेट वाली उड़ान – शानदार अभिनय और दमदार कहानी – ‘Rashmi Rocket’ Review in Hindi

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फिल्म की स्टार कास्ट और अन्य सदस्य – Rashmi Rocket Cast & Crew

  • मुख्य कलाकार – तापसी पन्नू, अभिषेक बनर्जी, प्रियांशु पेन्यूली, सुप्रिया पाठक, सुप्रिया पिलगाओंकर
  • निर्देशक – आकर्ष खुराना
  • निर्माता – रौनी स्क्रूवाला
  • संगीत निर्देशक – अमित त्रिवेदी
  • रिलीज़ डेट – 15 अक्टूबर 2021
  • रिलीज़िंग प्लेटफार्म – ज़ी 5

फिल्म की कहानी- Story of Rashmi Rocket in Hindi

फिल्म की कहानी शुरू होती है, गुजरात के भुज से। रश्मि बचपन से ही अपने उम्र के अन्य बच्चों की तुलना में काफी फुर्तीली होती है। उसके माता पिता और गांव वाले उसे रॉकेट के नाम से पुकारते हैं। इसका कारण है उसकी तेज रफ्तार। जब वो दौड़ती है तो अच्छे अच्छों को पीछे छोड़ देती है। उसके पिता हमेशा उसे दौड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। 26 जनवरी के दिन भुज में आये भूकंप में उसके पिता की मृत्यु हो जाती है और इसी के साथ रश्मि भी दौड़ना बंद कर देती है। बड़ी होने पर उसकी मां और आर्मी में कैप्टन उसका बॉयफ्रेंड उसे फिर से दौड़ने के लिए प्रेरित करता है।

दोनों के समझाने पर वह फिर से दौड़ना शुरू करती है और देखते ही देखते देश की स्टार् एथलीट बन जाती है। लेकिन इसी सफलता के कारण वह एथलीट एसोसिएशन के एक सलेक्टर की आँख की किरकिरी बनना शुरू हो जाती है। असल में उस सलेक्टर की बेटी भी एक अच्छी एथलीट होती है, लेकिन रश्मि के होते हुए उसके बेटी का आगे निकलना थोड़ा मुश्किल हो रहा होता है।

यह सलेक्टर एक अंतर्राष्ट्रीय खेल के नियम का सहारा लेकर तापसी के जेंडर टेस्ट करवाने की एडवाइस जारी करता है। इस टेस्ट में रश्मि फेल हो जाती हैं। उसे न केवल एथलीट एसोसिएशन द्वारा बैन कर दिया जाता है, बल्कि पुलिस और समाज द्वारा अपमानित भी किया जाता है। रश्मि इस अपमान को सहने का फैसला करती है, लेकिन रश्मि का पति, मां और वकील उसे हाई कोर्ट में एसोसिएशन के फैसले को चैलेंज करने के लिए मना लेते हैं। इसी बीच रश्मि प्रेगनेंट हो जाती है। इससे वकील के लिए कोर्ट में यह साबित करना आसान हो सकता है कि एसोसिएशन का फैसला गलत है, लेकिन रश्मि इस पॉइंट को कोर्ट में बताने के लिए मना कर देती है, क्योंकि वह चाहती थी कि उन सभी एथलीटों को भी न्याय मिले जो इस एसोसिएशन की इस शर्मनाक परंपरा के चलते अपने करियर से हाथ धो बैठे हैं।

लम्बी कानूनी बहसों के बाद कोर्ट में यह साबित हो जाता है, कि जेंडर टेस्ट जिन आधारों पर किसी खिलाडी को अनफिट घोषित करता है, वह उचित नहीं हैं। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल ज्यादा होने का मतलब यह नहीं होता कि महिला खिलाडी असल में महिला न होकर पुरुष है।कोर्ट प्रतिबन्ध को ख़ारिज करते हुए, रश्मि को फिर से खेलों में हिस्सा लेने के लिए योग्य घोषित करती है।

दमदार अभिनय और शानदार कहानी – Rashmi Rocket Movie Review in Hindi

सभी कलाकारों ने फिल्म में अपने किरदार को बहुत अच्छे से निभाया है। अभिषेक बनर्जी की नेचुरल एक्टिंग ने कमाल कर दिया है। अपनी संवाद अदायगी से सभी को फैन बना लेने वाले अभिषेक ने कोर्ट रूम ड्रामा को बहुत अच्छे से परदे पर पेश किया है। कोर्ट में उनकी जिरह पर आप ताली बजाये बिना नहीं रह पाएंगे। सुप्रिया पिलगाओंकर ने अपने छोटे से रोल से वो जादू किया है, फ़िल्म के समाप्त हो जाते के बाद भी उनकी एक्टिंग दिमाग पर छाप छोड़ जाएगी। फिल्म में उन्होंने जज का रोल किया है।

Taapsee Pannu ने फिल्म में काफी मेहनत की है। फिल्म एक अंत तक आते आते ऐसा लगने लगता है कि तापसी सच में कोई एथलीट है। सुप्रिया पाठक हमेशा की तरह इस फिल्म में भी अपनी शानदार एक्टिंग के लिए याद रखी जाएँगी। तापसी के बॉयफ्रेंड और बाद में पति के रोल में प्रियांशु पेन्यूली ने बहुत अच्छी एक्टिंग की है। कुछ सत्य घटनाओं से प्रेरित इस फिल्म को देखना एक अच्छा अनुभव है।

क्या है जेंडर वेरीफिकेशन What is Gender Verification in sports

खेल को उम्र, वजन और जेंडर के आधार पर अलग अलग केटेगिरी में बांटना कोई नई बात नही है। यह इसलिए किया जाता है ताकि किसी भी वर्ग के लिए खेल प्रतियोगिताओं में किसी भी प्रकार का Injustice ना हो। लेकिन कुछ नियम बहुत ही शर्मनाक है।

जेंडर वेरिफिकेशन एक ऐसा ही नियम है, जिसका सामना फीमेल एथलीट को करना पड़ता है। इसमें टेस्ट करके यह देखा जाता है कि कही फीमेल एथलीट में पुरुषों वाले हार्मोन तो नही है। उनका फिजिकल वेरिफिकेशन होता है। इसके बाद ब्लड और क्रोमोजोन टेस्ट के द्वारा यह पता लगाया जाता है कि कही उनमें टेस्टोसटेरोन हार्मोन अधिक मात्रा में तो नही है, जो उन्हे पुरुषों के समान Masculine Power देता हो। कई महिला खिलाड़ी इस टेस्ट की मार झेल चुकी है।

भारतीय एथलीट दुती चंद बन चुकी हैं जेंडर वेरिफिकेशन का शिकार Indian Athlete Dutee Chand Gender verification Issue

भारतीय धावक Dutee Chand इस नियम का शिकार बन चुकी हैं। 2014 के एशियन गेम्स को भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाली दुती को कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने से कुछ मिनिट्स पहले इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि वो जेंडर टेस्ट में पास नही हो सकी थी। वे इस फैसले के विरोध में कोर्ट चली गई और 2015 में कोर्ट ने IAAF के फैसले को रद्द कर दिया। इसके बाद उन्होंने फिर से अपने कैरियर की शुरुआत की।

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