Doctor G स्टार कास्ट Doctor G Star Cast
- निर्माता : जंगली पिक्चर्स
- निर्देशक : अनुभूति कश्यप
- लेखक : सुमित सक्सेना, सौरभ भारत,
- म्यूजिक – केतन सोढा
- एक्टर:आयुष्मान खुराना,रकुल प्रीत सिंह,शेफाली शाह,शीबा चड्ढा (Ayushmann Khurrana, Rakul Preet Singh and Shefali Shah)
Doctor G की कहानी Doctor G Story in Hindi
Doctor G की कहानी शुरू होती भोपाल के उदय गुप्ता के साथ। उदय भोपाल में अपनी मेडिकल की पढाई कर रहा है। वो अपनी माँ लक्ष्मी देवी (शीबा चड्ढा) के साथ रहता है। उसके पापा की मौत उसके जन्म से पहले ही हो जाती है। बचपन से उदय का सपना था कि वो अपना कजिन भाई की तरह ओर्थपेडीक का डॉक्टर बने। लेकिन कम मार्क्स की वजह से गायनेकोलॉजी की ब्रांच में जा फंसता है।
मेडिकल कॉलेज में पहुंचने के बाद हाल ही सिंगल हुए उदय को फातिमा मिलती है। आपको बता दे फातिमा का किरदार रकुल निभा रही है। फातिमा की शादी आरिफ से तय हो चुकी है। बावजूद इसके उदय का दिल फातिमा पर आ जाता है। वो अगले साल फिर एग्जाम देकर गायनेकोलॉजी से निकलने की तैयारी करता है। लेकिन यही ट्विस्ट आता है, जब उसकी सीनियर नंदिनी श्रीवास्तव उसको अपना फ्यूचर वही गायनेकोलॉजी में बनाने की सलाह देती है।
प्यार और करियर के बीच उदय बुरा फंस जाता है। उदय की एक यही परेशानी नहीं होती। वो अपनी माँ से भी परेशान है क्योंकि उसकी माँ कभी तो यूट्यूब पर कुकिंग के वीडियोस अपलोड करती है, तो कभी डेटिंग साइट पर अपने लिए पति ढूंढ़ती थी।
उदय का कजिन शादी शुदा होते हुए भी एक स्कूल गर्ल के साथ रिलेशन में होता है। स्कूल गर्ल प्रेग्नेंट हो जाती है। इस बात से घबराकर वह उदय पर अपनी गर्ल फ्रेंड के एबॉर्शन करने का दबाव डालता है। उदय के कज़िन की गर्ल फ्रेंड का रोल Ayesha Kaduskar ने निभाया है। इन्ही सब वजहों से उदय की ज़िन्दगी में कुछ ऐसा होता है, जो सब कुछ बदल के रख देता है।
Doctor G की समीक्षा Doctor G Review in Hindi
डॉक्टर जी एक में दो फिल्में हैं। फिल्म का पहला भाग कुछ ख़ास नहीं है। यह बुरे चुटकुलों से भरा हुआ है, जिसमें कोई हंसी नहीं, रूढ़िवादी सोच और कुछ खराब फंकी बैकग्राउंड स्कोर है, बहुत ही बेकार है। फिर अंतराल के बाद का एक हिस्सा है, जो पूरी तरह से एक नई फिल्म की तरह लगता है। फिर भी आयुष्मान और शेफाली ने अपनी एक्टिंग और कॉमेडी से फिल्म को कही तो बचा ही लिया है।
नायक सेक्सिस्ट है और फिल्म में ये काफी साफ़ तरीके से दिख रहा है। आप शायद डॉ. उदय गुप्ता को पसंद ना करें, लेकिन आप उसके साथ रिलेट ज़रूर कर पायंगे। बाकी काम आयुष्मान करते हैं। इस तरह के किरदार में ढलना अब उसके लिए बहुत आसान है, लेकिन दुख की बात यह है कि यह दोहराव दिखने लगा है। ये बिलकुल भी ताज़ा नहीं है। सब कुछ वही घिसा पिटा लग रहा है, जो की अच्छी बात नहीं है।
Doctor G का फर्स्ट हाफ
फिल्म की शुरुआत खराब होती है। फिल्म का कॉमेडी पहलू बिल्कुल ठीक नहीं है। फिल्म का पहला घंटा बोरिंग है, जहां आप सोचने लगते हैं कि क्या इस सब का कोई मतलब है। शेफाली शाह के स्क्रीन पर आने के साथ ही वो ट्रैक बंद हो जाता है।
स्त्री रोग विभाग की प्रमुख डॉ नंदिनी के रूप में वह उतनी ही डरावनी और आकर्षक है, जितनी हम उम्मीद कर सकते हैं। लेकिन काश उसमे शेफाली का टच ज़्यदा होता न की जो राइटर का, जो इसमें जबरदस्ती की कॉमेडी की तरह दिखाने की कोशिश कर रहे है। शेफाली शाह फिल्म की सबसे अच्छी चीज़ हैं, जब भी वह पर्दे पर होती हैं तो शो चुरा लेती हैं।
फिल्म कई पात्रों का परिचय देती है, क्योंकि उदय अनिच्छा से अपने कॉलेज में प्रवेश करता है और वहां उसके सभी वरिष्ठों द्वारा रैगिंग की जाती है। फिर उनमें से अधिकतर पात्र गायब हो जाते हैं और फिर कभी नहीं देखे जा सकते। यह एडिटिंग का दोष है, जो कई सीन्स को अजीब बना देती है और जो हो रहा है उसका ट्रैक रखना थोड़ा परेशान करता है।
Doctor G का सेकंड हाफ
लेकिन इंटरवल के बाद फिर से एक अलग फिल्म शुरू हो जाती है। क्योंकि अंतराल के बाद, डॉक्टर जी संवेदनशील, भावुक, दिल को छू लेने वाली फिल्म बन जाती है। अंत में फिल्म थोड़ी अच्छी और देखने लायक हो जाती है। हालंकि उम्मीद काफी थी इस फिल्म से लेकिन फिर भी ये फिल्म ठीक ठाक चल जाती है। कुछ एक्टर्स इसमें जान फूंकने में सफल रहते है।
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