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Bob Biswas: बेरहम हत्यारे के रोल में छा गए अभिषेक बच्चन, जानिए फिल्म की पूरी कहानी

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Bob Biswas Review – 3 दिसम्बर 2021 को रिलीज़ हुई फिल्म बॉब बिस्वास को अगर अभिषेक बच्चन के कॅरियर की सबसे अच्छी फिल्मों में से एक माना जाये तो गलत नहीं होगा। आइये जानते हैं फिल्म की पूरी कहानी और सटीक समीक्षा हिंदी में।

कास्ट एंड क्रू Bob Biswas Cast and Crew

निर्माता – गौरी खान, सुजॉय घोष, गौरव वर्मा
निर्देशक – दिया अन्नपूर्णा घोष
कहानीकार – सुजॉय घोष
रिलीज़ डेट – 3 दिसम्बर 2021
कलाकार – अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan), चित्रांगदा सिंह (Chitrangada Singh), पूरब कोहली (Purab Kohli), पारण बंदोपाध्याय (Paran Bandopadhyay), बरुन चंदा (Barun Chanda), समारा तिजोरी (Samara Tijori)

बॉब बिस्वास की कहानी Bob Biswas Story In Hindi

Bob Biswas की कहानी शुरू करने से पहले 2012 में रिलीज़ हुई विद्या बालन की फिल्म ‘कहानी’ के उस सीन को याद करना जरुरी है, जहाँ एक कॉन्ट्रैक्ट किलर बॉब विद्या बालन के पीछे पड़ जाता है, लेकिन विद्या को मारने की जगह वह गाड़ी से टकरा कर खुद ही एक्सीडेंट का शिकार हो जाता है। फिल्म ‘Bob Biswas’ में उसी कॉन्ट्रैक्ट किलर की आगे की कहानी को दिखाया गया है। फिल्म की शुरुआत में दिखाया जाता है कि एक्सीडेंट के बाद कोमा में जा चुके बॉब को होश आ जाता है, लेकिन वह अपनी याददाश्त खो चुका है। उसकी पत्नी ‘मैरी’ उसे घर ले जाती है, लेकिन बॉब को न तो अपनी पिछली जिंदगी के बारे कुछ याद है, न ही वह अपनी बीबी, बेटे ‘बेनी’ और बेटी ‘मिनी’ को पहचानता है। मिनी बॉब के दोस्त और मैरी के पहले पति ‘डेविड’ के बेटी है। डेविड की मौत के बाद मैरी ने बॉब से शादी कर ली थी।

इधर दूसरी ओर एक ड्रग डीलर ‘बबई’ और उसका बॉस ‘उस्ताद’ नशीली दवाओं का धंधा करते हैं। बॉब की बेटी मिनी भी इनसे ड्रग्स लेती है और ड्रग एडिक्ट बन जाती है। मिनी डॉक्टर बनना चाहती है और उसके ‘डॉक्टर अंकल’ पढाई में उसकी मदद करते हैं। बॉब को उसकी पुरानी जिंदगी के बारे में बताया जाता है कि वह एक इंशोरेंस एजेंट था। यह सुन कर बॉब फिर से इंशोरेंस कम्पनी ज्वाइन कर लेता है। बॉब के ऊपर दो पुलिस वाले ‘जीशू नारंग’ और ‘खराज साहू’ नजर रखे हुए हैं। दोनों बॉब को एक दिन रोक लेते है और अपने साथ ले जाते हैं। दोनों उसे बताते हैं कि वह असल में एक कॉन्ट्रैक्ट किलर है और उसे फिर से काम शुरू करने के लिए कहते हैं।

दोनों पुलिस वाले बॉब को एक फ़ोन दे देते हैं। जल्दी ही वे बॉब को उसका पहला असाइनमेंट दे देते हैं। बॉब के फ़ोन पर ड्रग डीलर बबई की फोटो भेजते हैं। बॉब को परेशान देखकर बॉब का एक पुराना परिचित ‘धोनू’ उसे होम्योपैथी फार्मासिस्ट ‘काली दा’ से मिलने के लिए कहता है। बॉब काली दा की दुकान पर जाकर उनसे मिलता है तो काली दा उसे एक पिस्तौल और कारतूस थमा देता है।

Bob Biswas ड्रग डीलर बबई और उसके दो साथियों को मार कर अपना पहला असाइनमेंट पूरा कर लेता है। इसी बीच उसे अगला असाइनमेंट मिलता है। इस बार जीशू और खराज़ उसके फ़ोन पर ‘राहुल’ की फोटो भेजते हैं, जो कि उस्ताद के ड्रग के बिज़नेस में इन्वेस्टर है। बॉब उसे भी मार कर अपना दूसरा असाइनमेंट भी पूरा कर देता है। दरअसल राहुल पुलिस का एक अंडरकवर एजेंट था। जीशू और खराज बॉब का इस्तेमाल अपने दुश्मनों को मार कर ड्रग्स के धंधे में पकड़ बनाने के लिए कर रहे थे। इसी के साथ बॉब को एक्सीडेंट के पहले की कुछ बातें याद आने लगती है। उसे याद आता है कि मैरी के पहले पति डेविड को भी उसी ने मारा था।

एक दिन बॉब को ध्यान आता है कि डेविड की कब्र के पास उसने कुछ छुपाया था। ढूंढने पर उसे कब्र के पास एक डायरी मिलती है। डायरी में अब तक की गई सारी हत्याओं की डिटेल्स, कॉन्ट्रैक्ट देने वाले की जानकारी और पैसों का हिसाब लिखा था। डायरी में एक चाबी भी थी, जिसके ताले के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

राहुल और बबई के मर्डर की जाँच पुलिस अफसर ‘इंदिरा’ को सौंपी जाती है। इंदिरा जब बॉब से मिलती है तो उसे बॉब पर शक होता है और वह उस पर नजर रखना शुरू कर देती है। बॉब को जीशू और नारंग से अपना तीसरा असाइनमेंट मिलता है। इस बार उसे एक महिला पुलिस अधिकारी जो कि इंदिरा की बॉस है, कि हत्या करनी होती है। इंदिरा बॉब को बताती है कि कोई उसके बॉस को मारना चाहता है, क्योँकि उसकी बॉस ड्रग माफिया के खिलाफ लड़ रही है।

यह सुन कर बॉब उस महिला पुलिस अफसर को मारने का विचार छोड़ देता है। जीशू और ख़राज़ बॉब से पूछते हैं कि उसने असाइनमेंट पूरा क्यों किया। इस पर बॉब कहता है कि वह अब यह काम नहीं करेगा और अगर उसे दोनों ने फोर्स किया तो वह डायरी लेकर इंदिरा के बॉस के पास चला जायेगा। जीशू और खराज दोनों यह बात अपने बॉस जो की इंदिरा के बॉस का जूनियर है, के पास जाकर सारी बात बता देते हैं। इधर बॉब चाबी लेकर काली दा के पास जाता है, जहाँ काली दा उसे एक ट्रंक सौंप देते है। दरअसल ट्रंक में बॉब की अब तक की सारी कमाई थी जिसे उसने काली दा के ट्रंक रूम में रखा गया था। इतना पैसा देखकर बॉब खुश जो जाता है क्योंकि अब वह अपने परिवार को अच्छी जिंदगी दे सकता है।

एक तरफ उस्ताद बबई के कातिल को ढूंढ रहा होता है और वहीं जीशू, खराज और उनका बॉस उस्ताद को जाकर बता देते है कि Bob Biswas ही उनके आदमियों को मार रहा है। उस्ताद अपने दो आदमियों को बॉब के घर से डायरी लाने भेजता है। बॉब दोनों को मार देता है लेकिन इसी बीच मैरी और बेनी भी गोली का शिकार हो जाते है और मर जाते हैं।

इंदिरा Bob Biswas को गिरफ्तार कर लेती है, लेकिन अपने बॉस के कहने पर उसे छोड़ देती है। बॉब पहले खराज, फिर जीशू को मार देता है। उस्ताद को मारने ही वाला होता है कि तभी मिनी वहां आ जाती है। दरअसल उस्ताद ही मिनी का डॉक्टर अंकल था और मिनी उसके ड्रग्स के धंधे से बेखबर थी। उस्ताद मिनी को कहता है कि अगर वह बॉब पर गोली चला देती है तो वह उसे बहुत सारी ड्रग्स देगा। मिनी बॉब पर गोली चला देती है। बॉब बच जाता है और उस्ताद को मार देता है।

फिल्म के अंत में Bob Biswas और मिनी को मैरी की कब्र पर खड़ा दिखाया गया है। मिनी बॉब से नाराज है क्योंकि उसी की वजह से उसकी मां की मौत हुए थी। मिनी घर चली जाती है और बॉब कब्र के पास खड़ा रहता है। तभी उसके फ़ोन पर अगला असाइनमेंट आता है, जिसे बॉब मुस्कराते हुए एक्सेप्ट कर लेता है। वह अगले टारगेट की फोटो मोबाइल में देखता है जो कोई और नहीं बल्कि “विद्या बालन” होती है।

दीपक तिजोरी की बेटी का डेब्यू Daughter of Deepak Tijori in Bob Biswas

90 के दशक के मशहूर एक्टर दीपक तिजोरी की बेटी Samara Tijori ने इस Bob Biswas से अपना डेब्यू किया है। वे फिल्म में अभिषेक बच्चन की बेटी मिनी के रोल में नजर आई हैं। समारा इसके पहले इस शार्ट फिल्म ‘ग्रैंड प्लान’ में नजर आ चुकी हैं। ग्रैंड प्लान में वे अपने बोल्ड सीन्स के लिए काफी चर्चा में रही थी। समारा इंस्टाग्राम पर काफी सक्रीय रहती हैं।

फिल्म क्यों देखे ? Why to Watch Bob Biswas ?

Bob Biswas Review in Hindi – फिल्म के सभी कलाकारों ने शानदार अभिनय किया है। अभिषेक बच्चन के कॅरियर की टॉप थ्री फिल्मों में इसे शामिल किया जा सकता है। अपने बेटे के दोस्त के खरगोश को हाथों से मारकर उसी के हाथों में थमा देने वाले दृश्य में अभिषेक ने पर्दे पर बेरहम हत्यारे वाले किरदार के प्रभाव को बहुत अच्छे से प्रस्तुत किया है। पूरब कोहली ने कुछ मिनटों के रोल पर बहुत मेहनत की है। पारण बन्दोबध्याय ने काली दा के किरदार में बहुत अच्छी एक्टिंग की है। काली दा पर फिल्माया गया हर सीन दर्शकों को बहुत प्रभावित करता है। चित्रांगदा सिंह हमेशा की तरह बहुत खूबसूरत लगी हैं। उन्होंने एक ऐसी पत्नी का रोल निभाया जो न केवल याददाश्त खो चुके अपने पति और बच्चों का ध्यान रख रही है, बल्कि बॉस की गंदी नजर को भी झेल रही है।

क्या है फिल्म की कमियां ? Bob Biswas Movie Review

फिल्म Bob Biswas में निर्देशन बहुत ही कमाल का है, लेकिन कहानी को थोड़ा और अच्छा लिखा जा सकता था। फिल्म के बहुत से सीन दर्शकों के दिमाग में सवाल छोड़ जाते हैं, जिनका उत्तर फिल्म की कहानी में कहीं नहीं मिलता। जैसे कि बॉब ने अपने दोस्त और मैरी के पहले पति डेविड को क्यों मारा ? मैरी बॉब की जिंदगी में कैसे आई? फिल्म का संगीत भी कुछ ख़ास अच्छा नहीं है। फिल्म के कुछ सीन अगर कहानी वाली लोकेशंस पर फिल्मा लिए जाते तो शायद दर्शकों को इस बॉब को ‘कहानी’ फिल्म वाले बॉब से कनेक्ट करने में मदद मिलती।

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