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Shatrughan Sinha Ke Dialogue

शत्रुघन सिन्हा के विस्फोटक डायलॉग्स | Shatrughan Sinha Ke Dialogue in Hindi

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Shatrughan Sinha Ke Dialogue – पूर्व लोकसभा सदस्य और शानदार अभिनेता शत्रुघन सिन्हा को देव आनंद की फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ में एक्टिंग का पहला मौका मिला। वह कई फिल्मों में अपनी सहायक भूमिकाओं के लिए लोकप्रिय थे, लेकिन 1976 की फिल्म कालीचरण में मुख्य नायक के रूप में सफलता प्राप्त की।

तब से वह एक लंबा सफर तय कर चुके है। उनके उल्लेखनीय कार्यों में ‘मेरे अपने’, ‘काला पत्थर’, ‘नसीब’, ‘दोस्ताना’, ‘खुदगर्ज’, ‘विश्वनाथ’ और कई अन्य फिल्में शामिल हैं। अपनी ट्रेडमार्क लाइन ‘खामोश’ के लिए जाने जाने वाले और अनोखे अंदाज़ में अपनी बात रखने वाले इस महान अभिनेता ने हमें तीन दशकों से अधिक के अपने करियर में कुछ बहुत ही विस्फोटक डायलॉग दिए हैं।

असली- नकली (Aasli Nikli)

  • आज कल जो जितना ज्यादा नमक खाता है, उतनी ही ज्यादा नमक हरामी करता है।
  • पहली गलती माफ कर देता हूं, दूसरी बर्दाश्त नहीं करता।

जीने नहीं दूंगा (Jeene Nahi Doonga)

  • मैं तेरी इतनी बोटियां करूंगा कि आज गांव का कोई भी कुत्ता भूखा नहीं सोएगा।
  • बारूद तुम्हारे अंदर भी भरा है, बम मेरे सीने में भी सुलग रहे हैं। धमाका जब होगा बड़ी ज़ोर से होगा।
  • दुनिया में जीने के सिर्फ दो ही तरीके है, या तो आदमी दीवारों के नीचे दब जाये या फिर दीवारों से ऊपर उठ जाए।

बेताज बादशाह (Betaaj Badshah)

  • जब दो शेर आमने-सामने खड़े हों, तो भेड़िये उनके आस-पास नहीं रहते।
  • हम वो पंडित है जो शादी भी कराते है और श्राद भी।
  • खटमलों को मार मार कर खून जमा करने से ब्लड बैंक नहीं बन जाता।
  • आप आग के पास रहकर शांत नहीं हैं और हम दिल में आग रखकर भी शांत हैं।

आन मैन एट वर्क (Aan Men at Work) Shatrughan Sinha Ke Dialogue

  • हम तेरे पैरो के नीचे की जमीन इतनी गरम कर देंगे कि तेरे जूतों तक में छाले पड जाएंगे।
  • आज के बाद दोबारा ऐसी कोई हरकत की न, तो ये हाथ खाने के लायक क्या धोने के लायक भी नहीं रहेगा।

विश्वनाथ (Vishwanath) Shatrughan Sinha Dialogue Jali Ko Aag

  • जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं, जिस राख से बारूद बने, उसे विश्वनाथ करते हैं।

कालीचरण (Kaalicharan) Shatrughan Sinha Ke Dialogue

  • आज के जमाने में तो बेईमानी ही एक ऐसा धंधा रह गया है, जो पूरी ईमानदारी के साथ किया जाता है।
  • इस दुनिया में एक आदमी अच्छा नागरिक कभी नहीं बन सकता समझे।
  • मर्द के बच्चे औरत के दामन से नहीं, शेर के पंजे से खेला करते है।
  • खोपड़ियों काट कर फुटबॉल नहीं खेला, तो मेरा नाम कालीचरण नहीं।

क्रांति (Kranti)

  • अपनी लाशों से हम तारीखें आबाद रखें, वो लड़ाई हो अंग्रेज जिसे याद रखे।

नसीब (Naseeb)

  • जिसके सर पर तुझ जैसे दोस्त की दोस्ती का साया हो, उसके लिए बनकर आई मौत, उसके दुश्मन की मौत बन जाती है।
  • ज़िन्दगी इंसान को लाती है, मौत ले जाती है, ये शराब बीच में कहाँ आती है।

हमसे न टकराना (Humse Na Takrana)

  • अमीरों से गरीबों की हड्डियां तो चबाई जा सकती हैं, उनके घर की रोटियां नहीं।

रक्त चरित्र (Rakt charit)

  • हाथी अगर चींटी के ऊपर पैर रख दे तो चींटी मरती नहीं, उसे मसलना पड़ता है।
  • तुम एक अच्छे काम करने वाले बुरे इंसान हो।
  • अपने देश में लड़कियां कपडे उतार के नहीं बल्कि पहनके खूबसूरत लगती है।

जानी दुश्मन (Jaani Dushman)

  • जो मर्द होते है वो अपनी छाती पर वार तो सह सकते है, लेकिन दूसरे की पीठ पर छुप के वार नहीं कर सकते हैं।
  • जानी दुश्मन समझ लू ऐसी नहीं तू, मगर जो मैंने समझा वैसी भी नहीं तू।
  • हमे जो चीज़ पसंद आ जाए, पहले हम हाथ जोड़के मांगते है और अगर न मिले तो हाथ तोड़ के ले लेते है।

इल्ज़ाम (Ilzaam)

  • आँख से काजल वही निकाल सकता है जो आंख में बसा हो।
  • कमल कीचड़ में रहता है लेकिन चढ़ाया भगवान के चरणों में ही जाता है।

काला पत्थर (Kala Patthar) Shatrughan Sinha Dialogue Lemon Soda

  • मंगल का खून कोई लेमन सोडा नहीं जिसे विजय जैसे औंगे पौन्गे अपनी प्यास बुझाते फिरे।

मेरे अपने (Mere Apne) Shatrughan Sinha Famous Dialogue Chenu

  • शाम आये तो उससे कह देना छेनू आया था। बहुत गर्मी है खून में तो बेशक आ जाये मैदान में। जो हसरत निकालनी है, निकाल ले वो लेकिन आइंदा अगर मेरे लड़के को हाथ लगाया, तो मोहल्ले का मोहल्ला उड़ा के रख दूंगा।

शत्रुघन सिन्हा का सबसे पॉपुलर डायलॉग है ‘खामोश’। आपको बता दे इस डायलॉग को लेकर अक्सर शत्रुघन सिन्हा की टांग भी खींची जाती है। अभिनय के अलावा शत्रुघन सिन्हा का एक सफल राजनीतिक करियर भी है।

वह राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। शत्रुघन सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और जहाजरानी मंत्री भी रह चुके हैं। शत्रुघन सिन्हा को इस इंडस्ट्री में 50 से ज्यादा साल हो चुके हैं और उन्होंने हमे कई न भूलने वाली फिल्म और डायलॉग दिए है।

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