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मानव कौल : कश्मीरी पंडित के नेशनल लेवल स्विमर से लेकर बेहतरीन अभिनेता, निर्देशक और लेखक बनने तक का सफर – Manav Kaul Biography in Hindi

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मानव कौल की संक्षिप्त जीवनी – Manav Kaul Biography in Hindi

Manav Kaul Biography – मानव कौल का नाम आज किसी परिचय का मोहताज़ नहीं है। काई पो छे, बदला, वज़ीर और डेबूक में काम कर चुके मानव जितने बेहतरीन अभिनेता हैं, उतने ही कमाल के निर्देशक और लेखक भी हैं। जमीन से जुड़े इस कश्मीरी कलाकार ने बचपन से लेकर आज तक जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया और अपने आप को साबित करनी के लिए हर बार कुछ नया करने की कोशिश की।

कश्मीर में जन्म और पढाई – Manav Kaul Age and Birth in Kashmir/Manav Kaul family

मानव कौल का जन्म कश्मीर के बारामुला में 19 दिसंबर 1976 को हुआ था। इनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। मानव के परिवार में उनके माँ और पिता के अलावा उनके बड़े भाई भी है। मानव जब 4th स्टैण्डर्ड में थे, तभी कश्मीर में हालत बिगड़ने का दौर शुरू हुआ और बहुत सारे अन्य कश्मीरी पंडितों की तरह मानव के परिवार ने भी कश्मीर छोड़ने का फैसला कर लिया। उनके पिताजी को रिटायरमेंट लेना पड़ा और इनका परिवार एक नए ठिकाने की तलाश में निकल गया।

होशंगाबाद में बीता बचपन – Manav Kaul Biography

कश्मीर से निकलने के बाद मानव का परिवार मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में आकर बस गया। अपना घर छोड़ कर एक नई जगह पर आकर बसने के कारण उनके परिवार की आर्थिक स्थिति और भी ज्यादा ख़राब हो गई। मानव का ध्यान पढाई में कम रहता था। उनको हर समय कुछ नया करने और पैसा कमाने का ख्याल आता रहता था। इसी के चलते उन्होंने बचपन में ऐसे बहुत से काम किये, जिनके किस्से आज भी वे बड़े चाव के साथ सुनाते हैं।

ब्रदर्स लाइब्रेरी की शुरुआत –

बचपन में मानव ने अपने भाई के साथ मिलकर कॉमिक्स की दुकान लगाना शुरू किया। वे लोगों को कॉमिक्स पढ़ने के लिए किराए पर देते और बदले में अच्छा किराया वसूल करते। अपनी दुकान का नाम उन्होंने ब्रदर्स लाइब्रेरी रखा।

बारातों में नाचने की ट्रेनिंग क्लास –

मानव ने कहीं से ब्रेक डांस के कुछ स्टेप्स सीख लिए थे। उन्होंने देखा कि उनके शहर के कई बच्चे बारातों में डांस करने के लिए कुछ नए स्टेप्स सीखना चाहते थे। उन्होंने लोगों का डांस सिखाने का फैसला कर लिया और 50 रूपये की फीस वसूल करके लोगों को डांस के स्टेप्स सीखाना शुरू कर दिया। इस समय वे क्लास 10th में पढ़ा करते थे। इसके साथ ही वे मोहल्ले की ऑर्केस्ट्रा में डांस करने भी जाते और इसके लिए ऑर्केस्ट्रा वालों से फीस चार्ज करते। सनी डांस क्लास को उन्होंने लगभग तीन साल चलाया।

टॉफी और गोलिओं की दुकान –

एक बार मानव और उनके भाई की घर के सामने वाली गोलिओं की दूकान के मालिक से ठन गई। दोनों भाइयों ने ठान लिया कि उसकी दुकान के सामने खुद की दुकान खोलेंगे और उसका धंधा बंद करवा देंगे। दोनों थोक में 10 रूपये की गोलियां और टॉफियां खरीद लाये और बेचने लगे। यह दुकान दोनों ने 9 महीने तक चलाई।

नेशनल स्विमर बनने की कहानी – Manav Kaul Biography

मानव ने बचपन में कभी नहीं सोचा था कि वे एक अच्छे तैराक बन सकते हैं, लेकिन होशंगाबाद शिफ्ट होने के बाद हुये कुछ घटनाक्रमों ने उनके नेशनल लेवल स्विमर बनने की दिशा तय की।

नर्मदा नदी से सिक्के निकलना –

हौशंगाबाद में उन्हें कचौरी और समोसे खाने का बड़ा शौक था। वे देखते थे कि नर्मदा नदी में बहुत से लोग सिक्के फेंक कर मन्नत मांगते थे। वहां के लोकल बच्चे पानी में डुबकी मारकर सिक्के बाहर निकाल लाते थे। दूसरे बच्चों से विपरीत मानव को स्विमिंग नहीं आती थे। धीरे धीरे उन्होंने नर्मदा में तैरना सीखा। वे दूसरे बच्चों की तरह पानी में गहरा गोता लगाते और मुँह में सिक्के भरकर बाहर निकलते। निकाले गई सिक्कों से कचौरी खाने का इंतज़ाम हो जाता।

एक दिन एक स्विमिंग कोच ने उन्हें देख लिया और भांप गया कि इस बच्चे को तराशा जाए तो यह बहुत अच्छा तैराक बन सकता है। कोच ने मानव को मनाया और अपने साथ भोपाल में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ले गए।

स्विमिंग कॉस्ट्युम न पहनने की जिद पड़ी भारी –

जब मानव कोच के साथ भोपाल पहुंचे तो स्विमिंग पूल देखकर दंग रह गए। उन्होंने पहली बार स्विमिंग पूल देखा था। जब कॉम्पिटशन शुरू होने लगा तो कोच ने उन्हें स्विमिंग कॉस्ट्युम पहनने के लिए कहा, लेकिन अपने दोस्तों के बीच कश्मीर की कली कहलाने वाले मानव जिद पर अड़ गए कि वे कॉस्ट्युम नहीं बल्कि चड्डी में ही स्विमिंग करेंगे। कॉस्ट्युम बहुत छोटा होता है और उन्हें इसे पहनने में शर्म आ रही थी।

मानव नहीं माने और चड्डी में ही कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया और फर्स्ट आये। जब वे पानी से निकले तो देखा कि सभी लोग उन्हें देखकर जोर जोर से हंस रहे थे। मानव को समझ में नहीं आया कि लोग तालियां बजाने की जगह हंस क्यों रहे हैं। तभी उन्होंने अपने दोस्त को चड्डी में तैरते हुए देखा और वे सारा माजरा समझ गए। दरअसल तैरते समय किसी अनहोनी को टालने के लिए वे एक हाथ से चड्डी संभाल रहे थे और दूसरे हाथ से तैर रहे थे और यही देखकर लोग उन पर हंस रहे थे।

स्विमर के रूप में कॅरियर – Manav Kaul Biography

ट्रेनिंग के लिए वे भोपाल रहने लगे और कुछ समय के बाद मानव ने नेशनल लेवल स्विमिंग कॉम्पिटिशन में अपने स्टेट को रिप्रेजेंट किया। जल्दी ही उनके पास स्पोर्ट्स कोटे में सरकारी नौकरी के ऑफर आने लगे। उनके पास मध्य प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद का भी ऑफर आया, जिसे चुनने का मतलब था एक परफेक्ट कॅरियर, लेकिन शायद मानव की किस्मत में अभी कुछ और भी करना बाकी था।

एक्टर बनने का सपना – Manav Kaul Biography

एक दिन भोपाल के भारत भवन में वे एक नाटक देखने गए। नाटक देखने के बाद उन्हें लगा कि यही तो उन्हें बनना था, यानी की एक कलाकार। उनके भीतर छिपा एक्टर उछाल मारने लगा। उनके सामने एक तरफ पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर मिल सकने वाली नौकरी थी दूसरी तरफ था अभिनय की डगर चुनने का बाद का एक अनिश्चित भविष्य। मां से सलाह मशवरा करने के बाद उन्होंने एक्टिंग में कॅरियर बनाना तय किया और अपने कोच को बता दिया कि अब वे तैराकी नहीं करेंगे।

इन्होने कम्प्यूटर की फ्लॉपी बेचने का काम करना शुरू किया। इस काम के बदले में उन्हें 800 रूपये महीना मिलता था। वे दिन में फ्लॉपी बेचते और शाम को थियेटर करते। इस तरह 3 साल तक भोपाल में थियेटर करने के बाद मानव ने एक्टिंग का कोर्स करने के लिए दिल्ली या मुंबई जाने का फैसला किया। उनके सामने दो ऑप्शन थे। पहला दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा और दूसरा मुंबई स्थित पृथ्वी थियेटर। मानव ने मुंबई जाने का फैसला किया। 2500 रूपये में उन्होंने अपनी बाइक बेचीं और मुंबई पहुँच गए।

थियेटर में कॅरियर – Manav Kaul plays

वर्ष 2000 के आस पास सत्यदेव दुबे के एक वर्क शॉप में 180 कलाकारों में से 8 लोगों का चयन होना था। अपनी प्रतिभा के बल पर उन्होंने भी अपना नाम उन 8 फाइनलिस्ट में शामिल करवा लिया। सत्यदेव दुबे ने उन्हें अपने नाटक के लिए कास्ट कर लिया। इसी के साथ वे पृथ्वी थियेटर्स के साथ करने लगे। जल्दी ही वे एक ही प्रकार के नाटक करके ऊब गए और उन्होंने फैसला किया कि वे नाटक लिखना शुरू करेंगे। साल 2004 में उन्होंने अपना पहला नाटक ‘शकर के पांच दाने’ लिखा और इसे डायरेक्ट भी किया। इसके कुछ समय बाद उन्होंने एक और नाटक लिखा कर उसे डायरेक्ट किया। नाटक का नाम था ‘पीले स्कूटर वाला आदमी’ और इसे बहुत अधिक पसंद किया गया।

बॉलीवुड में कॅरियर – Manav Kaul Movies/Career in Bollywood

बॉलीवुड में मानव ने डेब्यू 2003 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘जजंतरम ममंतरम’ से डेब्यू किया था। इस फिल्म के लिए उन्हें मात्र 30 हजार रूपये फीस मिली थी। वैसे तो यही मानव की डेब्यू फिल्म थी, लेकिन वे साल 2000 में आई सनी देओल की फिल्म चैंपियन में जूनियर आर्टिस्ट के रूप में नजर आ चुके हैं। मानव को इसके लिए 700 रूपये दिए गए थे, जिसमे से आधे पैसे मानव को उस आदमी को देने पड़े जिसने उन्हें यह काम दिलवाया था।

इसके बाद दाएं या बायें और 1971 जैसी कुछ फिल्मों में काम करने के बाद मानव को काई पो छे में एक दमदार किरदार निभाने का मौका मिला। फिल्म में उन्होंने एक राजनेता का किरदार निभाया। मानव के फ़िल्मी कॅरियर की कुछ बेहतरीन फिल्मों में बदला, जय गंगाजल, वजीर और तुम्हारी सुलु हैं। हाल ही में वे फिल्म Dybbuk में भी नजर आये थे। Manav Kaul nominations तुम्हारी सुलु के लिए उन्हें फिल्मफेयर में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नॉमिनेटेड किया गया था।

निर्देशक के रूप में डेब्यू –

बतौर निर्देशक उन्होंने फिल्म हंसा से अपना डेब्यू किया। फिल्म 2012 में रिलीज़ हुई थी। मानव के पास मुश्किल से कुछ हजार रूपये ही थे, जो कि इस फिल्म को बनाने के लिए पर्याप्त नहीं थे। उन्होंने अपने दोस्तों से इसके लिए मदद मांगी और अंत में 5 लाख रुपए में फिल्म बनकर तैयार हो गई। जितेंद्र और प्रेम चोपड़ा की दोस्ती के किस्से

मानव कौल की प्रमुख पुस्तकें – Manav Kaul books

मानव एक अच्छे लेखक भी हैं। उन्होंने बहुत से किताबें पढ़ी है और साहित्य का अच्छा ज्ञान रखते हैं। उनकी लिखी कुछ किताबें इस प्रकार है।

  • ठीक तुम्हारे पीछे – Theek Tumhare Peeche
  • प्रेम कबूतर – Prem Kabootar
  • तुम्हारे बारे में -Tumhare Baare Mein
  • ए नाईट इन हिल्स – A Night In The Hills
  • बहुत दूर कितना दूर होता है – Bahut Door Kitna Door Hota Hai
  • चलता फिरता प्रेत – Chalta Phirta Pret
  • अंतिमा – Antima
  • कर्ता न कर्म से – Karta Ne Karm Se

गुलशन कुमार की हत्या –

साल 1997 में गुलशन कुमार की हत्या के बाद पुलिस कुछ सन्दिग्ध लोगों की धरपकड़ कर रही थी। इस दौरान मानव अपने दोस्तों के साथ एक घर में रहा करते थे। पुलिस वालों ने इन्हे भी सन्दिग्ध मान लिया और थाने ले गई। रात भर मानव और उनके दोस्तों को हवालात में रखा गया और सुबह होने पर छोड़ दिया गया। क्यों ऋषि कपूर ने कस्टम अफसर के सामने खोली जितेंद्र की पोल ?

रिलेशनशिप – Manav Kaul relationship

Manav Kaul Wife मानव कौल ने शादी नहीं की है और वे अविवाहित हैं। उनकी रिलेशनशिप से जुडी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन वे मानते हैं कि अतीत में वे रिलेशनशिप में थे और उनका ब्रेकअप हो गया था।

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