गदर: हैंडपंप उखाडने वाला सीन इमोशंस के आउटबर्स्ट का सिम्बॉलिक शॉट था – ‘Gadar’ Handpump Scene Was Outburst of Emotions

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हैंडपंप उखाड़ना : गदर का सबसे चर्चित सीन – Best Scene of Gadar

2001 में रिलीज़ हुई फिल्म गदर का सबसे चर्चित सीन किसे याद नहीं होगा, जब तारा सिंह गुस्से में हैंडपंप उखाड़ लेता है। Anil Sharma के अनुसार उस सीन की शूटिंग के समय फिल्म से जुड़े कुछ लोग इससे सहमत नहीं थे। उन्हें लगता था कि जनता इसे पसंद नहीं करेगी, क्योंकि ऐसा वास्तव में करना लगभग नामुमकिन है। इस सीन पर कई मीम्स भी बने और जहाँ एक बड़े वर्ग ने फिल्म को बहुत पसंद किया, वहीं बहुत से लोगों ने इस सीन को वास्तविकता से दूर एक कोरी कल्पना बताया।

हैंडपंप उखाड़ना एक प्रतीकात्मक शॉट – Symbolic Shot

अनिल शर्मा ने लोगों को यह कहकर सीन को जस्टिफाई किया, फिल्म का किरदार अपनी बीबी और बच्चे को पाने के लिए पाकिस्तान जाता है, पाकिस्तान जिंदाबाद कहना स्वीकार कर देता है, यहाँ तक कि अपना धर्म तक बदल लेने को तैयार हो जाता है। लेकिन उसके इस त्याग के बावजूद सारी हदें पार करके अशरफ अली उसे हिन्दुस्तान मुर्दाबाद कहने के लिए कहता है और यहीं तारा सिंह के सब्र का बाँध टूट जाता है।

अनिल शर्मा कहते हैं, कि अशरफ अली की हरकत पर किसी को भी गुस्सा ओर जोश आ सकता हैं। उन्हें खुद इतना जोश आया कि वे बिल्डिंग उखाड़ दे। बिल्डिंग उखाड़ना तो नहीं दिखाया जा सकता लेकिन तारा सिंह का हैंडपंप उखाड़ना तो दिखाया जा सकता है। यह इमोशंस के आउटबर्स्ट का सिम्बॉलिक शॉट है, जिसमे तारा सिंह हैंडपंप उखाड़ देता है।

सनी देओल फिल्म के लिए पहली पसंद – Sunny Deol as ‘Tara Singh’ in Gadar

अनिल शर्मा के अनुसार इस रोल को सनी देओल के अलावा और कोई कर भी नहीं सकता था। इस रोल के लिए एक ऐसे हीरो की तलाश थी। जिसकी आँखों में नरमी हो और हीमैन वाली एक्शन इमेज हो। ऐसे में सनी से बेहतर विकल्प हो ही नहीं सकता था। अगर फिल्म 1970 में बनी होती तो Dharmendra इसके हीरो होते।

गोविंदा को भी ऑफर हुई थी ग़दर – Gadar Offered to Govinda

Govinda  ने टीवी शो ‘आप की अदालत’ में कहा था कि गदर फिल्म के लिए उन्हें भी कांटेक्ट किया गया था। फिल्म को न करने का कारण उन्होंने बताया कि जिस समय अनिल शर्मा ने उन्हें स्क्रिप्ट सुनाई तब इसमें बहुत गालियां थी और साध ही बड़े दिल के साथ गोविंदा ने माना कि उस समय उन पर स्टारडम भी हावी था, जिसके चलते उन्होंने फिल्म के लिए ना कह दिया।

सकीना के रोल में अमीषा पटेल की एंट्री – Amisha Patel as Sakina

उस समय अमीषा पटेल की ‘कहो न प्यार है’ कि शूटिंग चल रही थी। सकीना के रोल के लिए करीब 400 लड़कियों में से 40 लड़कियां शॉर्टलिस्ट की गई। Amisha Patel इनमें से एक थी। अनिल शर्मा ने जब अमीषा को देखा तो उन्हें फिल्म का एक डायलॉग “मैं उचक कर चाँद को तो नहीं छू सकता” याद आया और उन्हें लगा कि इस रोल को अमीषा बहुत अच्छे से कर पाएंगी।

लगान और गदर का एक साथ रिलीज़ होना – Lagan & Gadar

लगान और ग़दर एक ही साथ रिलीज़ हुए थी। दोनों फिल्मों ने बहुत ही अच्छी कमाई की और बॉक्स ऑफिस पर बहुत सफल हुई। ऐसा बहुत ही कम होता है, जब एक साथ लगी दो फिल्में हिट हो जाये और एक वो भी एक दूसरे की कमाई को प्रभावित किये बिना। अनिल शर्मा कहते हैं कि इन दिनों सिनेमा सिर्फ 1 वीकेंड को ध्यान में रखकर बनाया जाता है।

मेकर्स को चिंता होती है कि अगर उस सप्ताह कोई और फिल्म दर्शकों को पसंद आ गई, तो उनकी फिल्म फ्लॉप हो जाएगी। जबकि पहले मेकर्स का विज़न एक या दो सप्ताह नहीं बल्कि 25 सप्ताह का होता था। उनका मानना होता था कि अगर किसी और फिल्म के पसंद आ जाने से एक सप्ताह उनकी फिल्म को दर्शक नहीं मिले तो फिल्म अगले सप्ताह दर्शक जुटा लेगी। सनी देओल फिर से जायेंगे पाकिस्तान ? ‘ग़दर 2’ हो सकती है 2022 में रिलीज़

आनंद बक्शी का रिएक्शन – Aanand Bakshi in Gadar

अनिल शर्मा ने जब फिल्म की कहानी गीतकार आनंद बक्षी को सुनाई तो पूरे ढाई घंटे की सिटींग के दौरान वे कभी वॉशरूम जाने, तो कभी सिगरेट पीने के बहाने से उठकर कमरे से बाहर चले जाते। कहानी पूरी सुंनने के बाद उन्होंने अनिल को कहा कि कहानी ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि वे अपने आंसू रोक नहीं पा रहे थे और बार बार बहाने से कमरे के बाहर जा रहे थे।

शूटिंग के दौरान समस्याएं – Shooting of Gadar

अनिल शर्मा कहते हैं कि फिल्म को बनाने से पहले इस पर काफी रिसर्च की गई। ऐसे कई लोगों से मिला गया, जिन्होंने भारत पाकिस्तान बंटवारे को नजदीक से देखा था। किताबें पढ़ी गई और जानकारियां जुटाई गई। ट्रैन वाली सीन की शूटिंग के लिए स्टीम इंजिन नहीं मिल पा रहा था। जब मिला तो उसे दिल्ली तक ले जाना बहुत बढ़ी समस्या थी, क्योंकि उसको चलने के लिए पटरियां वहीं थी।

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