Dilip Kumar Acid Attack Story – बॉलीवुड के ट्रैजड़ी दिलीप कुमार किंग जहां लाखों दिलों की धड़कन रहे हैं, वही उनके फैंस में ऐसा सिरफिरा भी शामिल है, जिसने कभी दिलीप साहब को तेजाब फेंकने की धमकी दी थी।
पाकिस्तान के पेशावर शहर में जन्मे दिलीप कुमार ने अपने कॅरियर की शुरुआत फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से की थी। दिलीप कुमार की बचपन की दोस्त राज कपूर भी पेशावर में इनके पड़ोसी हुआ करते थे।
यह घटना 1955 की है। दिल्ली में रहने वाले इस शख्स का नाम मोहम्मद यासीन चांदीवाला था। इस शख्स ने एक चिट्ठी लिखकर दिलीप कुमार पर तेजाब फेंकने की धमकी दी थी। इस बात का खुलासा 70 एमएम विद राहुल शो में किया गया था।
क्यों फेकना चाहता था तेजाब Dilip Kumar Acid Attack Story
चिट्ठी में यासीन ने इसके 3 कारण बताए थे। पहला कारण था कि दिलीप कुमार ने हिंदू नाम को अपनाया था। एक मुस्लिम होते हुए दिलीप साहब का हिंदू नाम अपनाना इस व्यक्ति को पसंद नहीं आया था। चिट्ठी में दूसरा कारण यह बताया गया कि दिलीप कुमार मुस्लिम महिलाओं से संबंध बनाते हैं और बाद में उन्हें छोड़ देते हैं। इससे उन महिलाओं कि जिंदगी खराब हो जाती है। यासीन का इशारा शायद मधुबाला की तरफ था। चिट्ठी में तीसरा कारण यह बताया गया दिलीप कुमार उस आदमी की मदद करें।
यासीन के मां-बाप पाकिस्तान में थे और यासीन भारत में फस गया था। वह वापस अपने मां बाप के पास जाना चाहता था। शायद यासीन दिलीप कुमार का ध्यान अपनी और आकर्षित करना चाहता था ताकि वह उनकी मदद से पाकिस्तान जा सके।
कैसे पहुंची चिट्ठी दिलीप कुमार तक Dilip Kumar Acid Attack Story
यासीन की चिट्ठी उसी के एक दोस्त के हाथ लग गई और उसने यह चिट्ठी पुलिस तक पहुंचा दी। पुलिस ने यह चिट्ठी दिलीप कुमार तक पहुंचा दी और दिलीप कुमार के पाली हिल स्थित बंगले की सुरक्षा बढ़ा दी गई। दिलीप साहब ने पुलिस वालों से वापस जाने का निवेदन किया क्योंकि वे उस व्यक्ति की धमकी को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। दिलीप साहब पुलिस वालों को गेट तक छोड़ने के लिए आए तभी उन्होंने देखा यासीन गेट के बाहर हाथ में तेजाब की बोतल लिए खड़ा है।
पुलिस वालों ने उसे गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ के लिए थाने ले गए। दिलीप साहब भी थाने पहुंचे लेकिन यासीन ने कुछ भी बात नहीं की और रोने लगा।
दिलीप साहब इस बात को ज्यादा तूल नहीं देना चाहते थे इसीलिए वे दूसरे दिन फिल्म ‘इंसानियत’ की शूटिंग के लिए रेल से मद्रास निकल गए। लेकिन शायद तब तक यह बात मीडिया में फैल चुकी थी और बहुत सारे प्रेस फोटोग्राफर रेलवे स्टेशन पर उनकी एक तस्वीर पाने के लिए पहुंच चुके थे।
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