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Mehmood Ali Biography

स्टार कॉमेडियन मेहमूद, जिनकी पैरेलल लव स्टोरी चलती थी फिल्म में | Mehmood Ali Biography in Hindi

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Mehmood Ali Biography in Hindi – हिन्दी फिल्म जगत में एक नही, बल्कि कई ऐसे कलाकार हुए हैं, जिन्होंने अपनी कला और अलग अंदाज के वजह से लोगों के दिलों पर राज़ किया है।अभिनेता मेहमूद भी उन्ही में से एक हैं। बॉलीवुड के “किंग ऑफ कॉमेडी” कहे जाने वाले मेहमूद ने तीन सौ से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है।

कॉमेडी के बेताज़ बादशाह मेहमूद अली से बॉलीवुड के बड़ी बड़ी हस्तियां भी डरा करती थी। उनके नाम मात्र से ही फिल्में हिट हो जाती थी।

मेहमूद अली का प्रारंभिक जीवन Mehmood Ali biography

मेहमूद अली का जन्म 29 सितंबर 1932 को मुंबई में हुआ था। वो मशहूर नृतक मुमताज़ अली के बेटे थे। मेहमूद अली एक भारतीय अभिनेता, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे, जो की अपने कॉमेडी रोल्स के लिए बड़े मशहूर थे। दर्शकों को अपने किरदार से हंसा हंसा कर लोट पोट कर देने की कला मेहमूद में बखूबी था। यूं तो उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन बाल कलाकार के रूप में ही कर लिया था लेकिन प्रसिद्धि उन्हें बड़े होने पर मिली।

मीना कुमारी को सिखाया टेनिस Mehmood and Meena Kumari

मेहमूद के करियर का शुरुवाती सफ़र उतना आसान नही रहा है ।अभिनेता बनने से पहले मेहमूद ऐसे ही कुछ छोटे मोटे काम किया करते थे। वो अभिनेत्री मीना कुमारी को टेनिस सीखाने का काम करते थे। इसके अलावा वे ड्राइवर का भी करते थे। बाद में उन्होंने मीना कुमारी की बहन मधु से शादी कर ली।जिसके बाद पैसा कमाने के लिए उन्होंने फिल्मों में कुछ छोटे किरदारो को निभाया।

मेहमूद का फ़िल्मी सफर Mehmood Ali Biography in Hindi

अपने शुरूआती करियर में स्ट्रगल कर रहे मेहमूद को जब फिल्म ‘नादान’ में काम करने का मौका मिला, तब उनकी जिंदगी ही बदल गई। 1951 में रिलीज़ जी इस फिल्म में मेहमूद ने अपने डायलॉग्स बिना किसी रीटेक के ही बोले। इसके लिए उनको काफ़ी प्रशंसा भी मिली और फिल्म हिट साबित हुई। इसके बाद तो उनका करियर काफ़ी तेजी से आगे बढ़ा और कई बड़ी फिल्में मिलने लगी।

मेहमूद अली के करियर में पहली बड़ी फिल्म 1958 में रिलीज़ हुए ‘परवरिश’ थी। इस फिल्म में उन्हें राज कपूर के भाई का किरदार निभाना था। इसके बाद 1961 में ‘ससुराल’ उनके करियर की एक अहम फिल्म साबित हुई। इस फिल्म से मेहमूद को कॉमेडी कलाकार के रूप में थोड़ी पहचान मिली।

उसके बाद उन्हें कई फिल्मों में कॉमेडियन के साथ साथ प्रमुख भूमिका भी मिलने लगी। जैसे 1965 की फिल्म ‘जौहर मेहमूद इन गोवा’ ,1966 में ‘प्यार किए जा’ और 1968 में ‘पड़ोसन’ जैसी फिल्में उनकी यादगार फिल्मों में से है।

प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत Mehmood Productions

‘लव इन टोक्यो’, ‘पत्थर के सनम’, ‘भूत बंगला’, ‘हमजोली’, ‘कुंवारा बाप’ तथा ‘संघर्ष’ जैसी बेहतरीन फिल्में करने वाले मेहमूद ने अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस भी खोला। जिसकी पहली होम प्रोडक्शन फिल्म थी ‘छोटे नवाब’। बाद में उन्होंने उन्होंने ‘भूत बंगला’ जैसी हिट फिल्म बतौर प्रोड्यूसर बनाई। मेहमूद ने बतौर निर्देशक आखिरी फिल्म शाहरुख खान को लेकर की जिसका नाम था ‘दुश्मन दुनिया का’।

हीरो से भी ज्यादा पैसे लिया करते थे मेहमूद Mehmood Ali Biography in Hindi

एक्टिंग के दम पर सब को हंसाने वाले कॉमेडी किंग मेहमूद ने अपने दौर के लगभग सभी बड़े अभिनेता और अभिनेत्रियों के साथ काम किया है। उनकी लोकप्रियता कुछ इस कदर थी कि उन्हें फिल्मों में लीड रोल से ज्यादा फीस ऑफर होती थी। फिल्म ‘मैं सुंदर हूँ’ के लिए उन्हें आठ लाख रुपए मिले थे, जो की हीरो को मिले पैसे से भी ज्यादा थे। यही नहीं, वे ऐसे कॉमेडियन थे जिनकी तस्वीर फिल्म के पोस्टर में हीरो के साथ लगाई जाती थी।

अमिताभ को बेटे जैसा मानते थे मेहमूद Mehmood and Amitabh Bachchan

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन जब अपने करियर के शुरूआती दौर में थे, तो उन्हें कई असफलताओं का सामना करना पड़ा। जिससे अमिताभ काफी निराश हो गए। तभी उनकी मदद करने को आगे आए कॉमेडी किंग मेहमूद। मेहमूद ने उन्हें अपने घर में सहारा दिया।

इसके साथ ही कई फिल्मों में रोल भी दिलाया। फिल्म ‘बॉम्बे टू गोवा’ में अमिताभ को मेहमूद के वजह से लीड रोल मिल गया। जिसके बाद तो महानायक को कई बड़ी फिल्में मिलने लगी।मेहमूद कहते थे,कि उन्होंने ही अमिताभ को पैसे कमाना सिखाया है, इसलिए वो उनके दूसरे पिता हैं। अमिताभ बच्चन भी कई बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं और वो मेहमूद को ही अपना गॉड फादर मानते हैं।

जड़ दिया था राजेश खन्ना को थपड़ Mehmood Ali and Rajesh Khanna

मेहमूद यूं तो बहुत दरियादिल इंसान थे ,लेकिन साथ ही साथ वो वक्त के काफी पाबंद थे। उन्हें लेट होना बिल्कुल भी पसंद नही था। लेकिन फिल्म ‘जनता हवलदार’ की शूटिंग के दौरान राजेश खन्ना सेट पर लेट पहुंचे। फिर क्या था इस बात से नाराज़ होकर मेहमूद ने राजेश खन्ना को थपड़ जड़ दिया था। इसलिए सभी कलाकार उनसे डरा करते थे।

फिल्मों में मेहमूद की सामानांतर कहानी

मेहमूद की फिल्मों की ख़ास बात यह होती थी कि फिल्म में उनकी एक सामानांतर कहानी चलती थी। उनकी अपनी हीरोइन और लव स्टोरी भी फिल्म में होती थी। ‘आरज़ू’, ‘हमजोली’ और ‘प्यार किये जा’ कुछ ऐसी ही फिल्में हैं।

अपने पूरे फिल्मी करियर में सबको हंसाने वाले मेहमूद अली ने 23 जुलाई ,2004 को आखिरी सांस ली और इस दुनिया को अलविदा कह गए। इस समय वे अमेरिका में उपचार करवा रहे थे। भारत सरकार ने उनके सम्मान में 2013 में डाक टिकट भी जारी किया।

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