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टाइम ट्रेवल से Past बदलने पर उथल पुथल हो जाता है तापसी का Present | Dobaaraa movie review, cast & Story in Hindi

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Dobaaraa – टाइम ट्रेवल हिंदी सिनेमा के लिए एक विदेशी अवधारणा है और शायद ही कभी किसी फिल्म निर्माता ने इस क्षेत्र में सफलता का स्वाद चखा हो। अब बॉलीवुड साइंस का मज़ाक बनाए बिना कहानी को कह दे, इसकी तो शायद ही कोई उम्मीद कर सकता है। हालांकि, दोबारा में कही न कही ऑडियंस को अपने अलग अंदाज़ में सरप्राइज ज़रूर कर दिया है।

दोबारा स्टार कास्ट Dobaaraa movie Star Cast

  • निर्देशक: अनुराग कश्यप
  • बजट: 30 करोड़ रुपये
  • निर्माता: एकता कपूर, सुनीर खेतरपाल, शोभा कपूर, गौरव बोस
  • कास्ट: तापसी पन्नू (Taapsee Pannu), पावेल गुलाटी (Pavail Gulati), राहुल भट्ट, हिमांशी चौधरी, नसार

दोबारा फिल्म की कहानी Dobaaraa movie Story in Hindi

फिल्म दोबारा की कहानी कई 26 साल के अनसुलझे राज पर आधारित है, जिसका कोई जवाब नहीं है। थ्रिलर और अनोखी मिस्ट्री की ये कहानी आपके दिल में कई सवाल खड़े कर देगी। फिल्म की शुरुआत होती है पुणे शहर से, जहां 1990 के दशक में एक भयानक रात में जिओमेग्नाटिक तूफ़ान आता है जिसमें अनय नाम का एक बच्चा अपने पड़ोसी को उसकी पत्नी की हत्या करते हुए देख लेता है। ये देखते ही अनय वहां से भाग निकलता है, लेकिन एक सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो जाती है।

26 सालों के बाद फिर वैसी भयानक रात में जिओमेग्नाटिक तूफ़ान आता है और कुछ घटना घटती है जिसमे अंतरा यानि तापसी (Taapsee Pannu) खुद को एक टीवी सेट के सामने देखती है। टीवी मदद से वो 12 साल के अनय की जान बचाने की कोशिश करती है। अंतरा बच्चे की जान बचा लेती है और फिर सो जाती है। जब सुबह उठती है तो देखती है कि उसकी पूरी दुनिया ही बदल गई है। उसकी बेटी जो रात में उसके पास थी, अब कही भी नहीं है।

अंतरा का पति दरअसल अब किसी और का पति है। अंतरा जो कि खुद एक नर्स थी, अब एक डॉक्टर है। इसी प्लाट के इर्द गिर्द घूमती है दोबारा की कहानी। उसे पता चलता है कि क्योंकि उसने पास्ट में जाकर अनय की जान बचाई, इसलिए इसके बाद बदले घटनाक्रमों की वजह से अंतरा का खुद का वर्तमान (Present) बदल गया है। इस गुत्थी को सुलझाने में एक पुलिस वाला उसकी बहुत मदद करता है। अंत में पता चलता है कि वह पुलिस वाला और कोई नहीं, बल्कि अनय है, जिसकी जान अंतरा ने बचाई थी।

स्पेनिश फिल्म का रीमेक Dobaaraa movie remake of Mirage

दोबारा स्पेनिश फिल्म मिराज (Mirage) की रीमेक है। मिराज 2018 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में 1989 में बर्लिन की दीवार टूटने के समय एक बच्चे की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है। घटना के 25 साल बाद 2014 में उसी घर में एक कपल रहने आता है और घर में रखे एक टीवी की मदद से 1989 में हुई इस दुर्घटना को टाल देता है।

दोबारा फिल्म की समीक्षा Dobaaraa movie Review

अनुराग कश्यप की फिल्म दूसरे पार्ट में अपना स्वाद खो देती है और एक कॉम्प्लेक्स और कंफ्यूज समय यात्रा की कहानी बन जाती है। हालांकि फिल्म का प्लाट बेहद दिलचस्प है लेकिन कहानी कहने में कहीं कमी रह गयी है।

Dobaaraa movie review – निर्देशक अनुराग कश्यप पहले हाफ में सही मात्रा में सस्पेंस पैदा करते हैं और एक कॉम्प्लेक्स प्लॉट पैदा करने में सफल होते हैं। हालांकि, वह दूसरे हाफ में पूरी बिल्ड-अप के रहस्य को बहुत जल्दी खोल देते हैं। अंतिम 30 मिनट में थोड़ा रोमांच और आश्चर्य छोड़ देते है। असल में ये दूसरे पार्ट से ही शुरू होता है, जब कहानी बेमोड़ हो जाती है।

कहानी एक युग से दूसरे युग में, एक करैक्टर दूसरे से बिना किसी कॉन्टेक्स्ट के मिल जाते है। कोरिओग्राफी, कैमरा वर्क, विज़ुअल्स पहले पार्ट में एक दम सटीक बैठे और रुचि को बढ़ाने में भूमिका निभाते हैं। फिल्म की स्टोरी में क्रिस्प है। एडिट थोड़ा और बेहतर होता तो फिल्म ऑडियंस के लिए आसानी से एक्सेसिबल हो जाती।

संगीत के लिए बहुत अधिक गुंजाइश नहीं है, हालांकि बैकग्राउंड स्कोर में एक अद्वितीय वाइब है जो स्क्रीनप्ले के साजिश-निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण रूप में कार्य करता है। डायलॉग ठीक है लेकिन शायद ही आपको सिनेमा से बाहर निकलने के बाद कुछ याद रहेगा।

Acting की बात करें तो तापसी पन्नू अपने पार्ट में कई हद तक ठीक रही हैं। तापसी को फिल्म के कुछ सीन्स में अपनी इंटेंस साइड दिखाने का भी मौका मिला है जिसका उन्होंने पूरी तरह फायदा भी उठाया है। बात करें उनके कैरेक्टर की, तो उसमें कई शेड्स है। वो सब मे एक दम सटीक बैठती हैं। कही भी ऊपर नीचे नहीं लगती।

पावेल गुलाटी की ठीक ठाक ही हैं, हालांकि उनका करैक्टर थोड़ा आधा-अधूरा है और उसमे थोड़ी बेहतरी हो सकती थी। फिल्म में दिग्गज, सास्वता चटर्जी और नासर शामिल हैं, जिनका कैरक्टर ख़राब लिखने के साथ बर्बाद हो गया हैं।

कुल मिलाकर, दोबारा पहले पार्ट में तो एंटरटेनिग और इंटेंस है, लेकिन जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ी वैसे वैसे सपाट हो जाती है। फिल्म की कहानी से बेहतर उम्मीद थी, लेकिन उसको अधपका छोड़ दिया गया है। अनुराग कश्यप एक प्रोमिसिंग डायरेक्टर और अपने करियर में कई यादगार फिल्म्स दे चुके है लेकिन ये कहना मुश्किल होगा की क्या दोबारा उन फिल्मों की सूची में आती है या नहीं। समय यात्रा और पैरलल ब्रह्मांड के साथ बॉलीवुड की कोशिश इस फिल्म के साथ सफल रही है।

कुल मिलकार फिल्म वन टाइम वॉच है और दर्शकों को काफी हद तक पसंद आएगी।

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