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बॉलीवुड के इन 11 खलनायकों के बिना सिनेमा का इतिहास अधूरा है Bollywood Ke Villain in Hindi

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Bollywood Ke Villain – किसी भी फिल्म में हीरो और हीरोइन के साथ विलेन का रोल भी इतना ही महत्वपूर्ण होता है। ये खलनायक अपने अभिनय के बल पर सिनेमा प्रेमियों के जेहन में कमाल का प्रभाव छोड़ते थे। आज की पोस्ट में जानेंगे कुछ ऐसे ही फ़िल्मी खलनायकों और उनके ख़ास अंदाज़ के बारे में।

Table of Contents

प्रेम चोपड़ा – Prem Chopra (Bollywood Ke Villain)

23 सितम्बर 1935 को लाहौर में जन्मे Prem Chopra ने हिंदी फिल्मों का अपना सफर 1960 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘मुड़ मुड़ के ना देख’ से शुरू किया। था। 1964 में रिलीज़ हुई राज खोसला की ‘वो कौन थी’ में प्रेम चोपड़ा ने पहली बार विलेन का रोल किया। 1967 से 1995 तक वे भारतीय फिल्मों के लीड विलेन बने रहे। विलेन के रूप में उनकी ज्यादातर फिल्में राजेश खन्ना के साथ रही हैं। डिस्ट्रीब्यूटर्स अक्सर मजाक में राजेश खन्ना को बोला करते कि आपकी हीरोइन कौन है, इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। बस विलेन प्रेम चोपड़ा होना चाहिए। इन्होने राजेश खन्ना के साथ 19 फिल्मों में काम किया जिसमे से 15 फिल्में सुपरहिट रही।

प्रेम चोपड़ा की हर फिल्म में उनका एक ख़ास डायलॉग होता था जिसे वे पूरी फिल्म में दोहराते रहते थे। उनका यही स्टाइल उनकी फिल्मों की जान हुआ करता था। प्रेम चोपड़ा का सबसे फेमस डायलॉग फिल्म बॉबी का है, जिसमें वे कहते हैं “प्रेम नाम है मेरा, प्रेम चोपड़ा ”

प्रेम चोपड़ा की प्रमुख फिल्में – Prem Chopra Ki Movies

बॉबी, खेल, वो कौन थी, दोस्ताना, कटी पतंग, दूल्हे राजा, राजा बाबू, नसीब, जुगनू, राम बलराम, बारूद, शहंशाह, आज का गुंडाराज, सौतन, अँधा कानून और झुक गया आसमान।

रंजीत – Ranjeet (Bollywood Ke Villain)

बॉलीवुड के एक और चहेते विलेन Ranjeet का असली नाम गोपाल बेदी है। इन्हे इंडस्ट्री में प्यार से गोली कहकर भी बुलाया जाता है। इन्होने हिंदी फिल्मों में ‘सावन भादो’ से डेब्यू किया था, जिसमें रंजीत ने रेखा के भाई का किरदार निभाया था। सुनील दत्त साहब के कहने पर नाम बदल दिया। रंजीत ने अपने फ़िल्मी कॅरियर में लगभग 150 रेप सीन किये हैं।

एक बार जब उनका परिवार उनके साथ फिल्म ‘शर्मीली’ देखने गया और उन्होंने रंजीत को फिल्म में हीरोइन के साथ जबरदस्ती करते हुए देखा, तो सभी घरवाले नाराज हो गए और उन्हें घर में घुसने नहीं दिया। बाद में बड़ी मुश्किल से उन्होंने फिल्म की हीरोइन राखी की मदद से घर वालों को समझाया कि यह सिर्फ एक्टिंग थी और फिल्म की कहानी की मांग थी। रंजीत की बहुत से फिल्मों में एक और चर्चित विलेन और भारतीय सिनेमा के नारद मुनि ‘जीवन’ ने उनके पिता का किरदार निभाया।

रंजीत की प्रमुख फिल्में – Ranjeet Ki Movies

शर्मीली, मुकद्दर का सिकंदर, लावारिस, नमक हलाल, कोयला, शराबी, राज तिलक, बुलंदी, डाकू और जवान, उलझन, इंकलाब, गज़ब, धर्मवीर।

अमरीश पुरी – Amrish Puri (Bollywood Ke Villain)

450 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके बॉलीवुड के मोगेम्बो भारतीय सिनेमा के सबसे प्रसिद्ध खलनायक हैं। 1970 के दशक में Amrish Puri अपने खलनायिकी के सफर शुरूआती दौर में थे और अधिकतर फिल्मों में मुख्य खलनायक के खास आदमी का रोल किया करता थे। 1980 में रिलीज़ हुए फिल्म ‘हम पांच’ में इन्हे मुख्य विलेन का रोल मिला और इसके बाद वे फिल्म मेकर्स के पसंदीदा खलनायक बन गए।

1987 में शेखर कपूर की फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ का किरदार ‘मोगेम्बो’ अमरीश पुरी का सबसे यादगार रोल रहा। इस फिल्म में अमरीश का एक ख़ास डायलॉग “मोगेम्बो खुश हुआ ” बहुत चर्चित हुआ।

अमरीश पुरी की प्रमुख फिल्में – Amrish Puri Ki Movies

मिस्टर इंडिया, मेरी जंग, त्रिदेव, घायल, दामिनी, कोयला, बादशाह, ग़दर और करण-अर्जुन।

शक्ति कपूर – Shakti Kapoor (Bollywood Ke Villain)

शक्ति कपूर अपने अभिनय में खलनायिकी के कॉमेडी का तड़का लगाने के लिए मशहूर रहे हैं। वैसे तो शक्ति की पहली फिल्म ‘खेल खिलाड़ी’ थी, लेकिन खलनायिकी के सफर की शुरुआत इन्होने ‘कुर्बानी’ और ‘रॉकी’ से की। शक्ति कपूर एक ऐसे खलनायक रहे हैं, जो स्क्रीन पर आते ही दर्शकों को गुदगुदाने लगते थे।

खलनायक होते हुए भी Shakti Kapoor पूरी फिल्म में किसी ख़ास डायलॉग को बार बार दोहराते थे, जो दर्शकों को हंसा हंसा के लोट पोट कर देता था। ऐसे ही कुछ डायलॉग हैं, तोहफा फिल्म का “आउ ललिता”, जमाई राजा का “पप्पू चला चप्पू” और चालबाज़ का “मैं नन्हा से छोटा सा बच्चा हूँ। ”

1990 के बाद उन्होंने कई कॉमेडी के किरदार भी निभाए, जिन्हे बहुत पसंद किया गया। ऐसी ही कुछ फिल्में रही है, अंदाज़, राजाबाबू, हलचल, चुपचुप के, हंगामा, अंदाज अपना अपना, कुली न 1 और मालामाल वीकली।

शक्ति कपूर की मुख्य फिल्में – Shakti Kapoor Ki Movies

जैसी करनी वैसी भरनी, हीरो, हिम्मतवाला, मैं खिलाडी तू अनाड़ी, किस्मत, कुर्बानी, कातिल, आँखें, काली की सौगंध और अंगारे।

अजीत – Ajit (Bollywood Ke Khalnayak)

(Bollywood Ke Villain) – Ajit का पूरा नाम हामिद अली खान था। बतौर नायक अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले अजीत ने लगभग 200 फिल्मों में काम किया। 1973 में पहली बार इन्होने फिल्म सूरज में खलनायक का किरदार निभाया और उसके बाद उन्होंने खलनायक को एक नए अवतार में प्रस्तुत करना शुरू कर दिया। ज्यादातर फिल्मों में उन्होंने एक ऐसे खलनायक के रूप में अपने आप को पेश किया, जो इंग्लिश बोलता था, पार्टियों में जाता था और महंगे कपडे पहनता था।

एक्टिंग के साथ में उनकी संवाद अदायगी का अंदाज़ दर्शकों को बहुत पसंद आता था। इनके कुछ फेमस डायलॉग थे, ‘मोना डार्लिंग’, ‘लिली डोंट बी सिली’, ‘सारा शहर मुझे लायन के नाम से जनता है’।

अजीत की प्रमुख फिल्में – Ajit Ki Movies

सूरज, कालीचरण, यादों की बारात, चरस, जुगनू, जंजीर, राम बलराम और राजतिलक।

प्राण – Pran (Villain of the Millennium)

(Bollywood Ke Villain) बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता प्राण ने जहाँ एक तरफ एक से बढ़कर एक चरित्र किरदारों को निभाया है, वहीं उनके जीवन का एक दौर ऐसा रहा है, जब वे विलेन के किरदार के लिए फिल्म डायरेक्टर की पहली पसंद हुआ करते थे। उनके निभाए गए किरदारों का उनके नाम पर कुछ ऐसा प्रभाव था कि लोग अपने बच्चों का नाम प्राण नहीं रखा करते थे। उस दौर में जन्म लिए बच्चों में शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसके माँ बाप ने उसका नाम प्राण रखा होगा।

प्राण की फिल्मों के एक ख़ास बात ये होती थी कि फिल्म के कलाकारों के टाइटल्स में उनका नाम सबसे आखिरी में “& Pran” लिख कर दिया जाता था। सन 2000 में स्टारडस्ट ने इन्हें ‘विलेन ऑफ़ दी मिलेनियम’ (Villain of the Millennium) के अवार्ड से नवाजा। Pran ने अपने कॅरियर की शुरुआत 1940 में पंजाबी फिल्म ‘यमला जट’ से की थी, लेकिन उनकी पहली हिंदी फिल्म 1942 में रिलीज़ हुई थी, जिसका नाम “खानदान” था।

प्राण की प्रमुख फिल्में – Pran Ki Movies

आजाद, राम और श्याम, जिद्दी, जब प्यार किसी से होता है, आह, चोरी चोरी, जागते रहो, जिस देश में गंगा बहती है, कश्मीर की कली, राजकुमार, हाफ टिकट।

शेट्टी – Shetty (Bollywood Ke Villain)

शेट्टी का पूरा नाम एम बी शेट्टी था। आज के मशहूर फिल्म मेकर रोहित शेट्टी के पिता एम बी शेट्टी अपने दौर के बड़े खतरनाक खलनायक हुआ करते थे। बेहद कम संवाद अदायगी के साथ वे फिल्मों में मुख्य खलनायक के ख़ास आदमी (राइट हैंड) के रोल में नजर आया करते थे, जिसका काम अपने बॉस के आदेश पर क़त्ल करना होता था। अपने गंजेपन के साथ Shetty फिल्म के परदे पर गजब का प्रभाव पैदा करते थे।

शेट्टी की प्रमुख फिल्में – Shetty Ki Movies

किस्मत, एन इवनिंग इन पेरिस, डॉन, यादों की बारात और यकीन

केएन सिंह – K.N. Singh (Bollywood Ke Villain)

केएन सिंह एक ऐसे कलाकार थे जो बिना बोले भी आँखों से संवाद अदायगी की कला जानते थे। परदे पर वे चेहरे और आँखों के भावों से बिना कुछ मुँह से बोले ही बहुत कुछ कह जाते थे। इन्होने अपने कॅरियर की शुरुआत 1936 में फिल्म सोनार संसार से की थी। K.N. Singh ने लगभग 200 फिल्मों में काम किया और ज्यादातर फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाई। फिल्मों में उनके निभाए किरदारों का प्रभाव कुछ ऐसा था कि जब एक बार वे किसी मित्र के कहने पर किसी के घर पहुंचे तो दरवाजा खोलने वाली महिला दरवाजे पर केएन सिंह को खड़ा देखकर डर के मारे जोर से चिल्ला कर भाग गई।

केएन सिंह की प्रमुख फिल्में – K.N. Singh Ki Movies

ज्वार भाटा, चलती का नाम गाड़ी, आम्रपाली, एन इवनिंग इन पेरिस, हावड़ा ब्रिज, सीआईडी, आवारा और जाल।

गुलशन ग्रोवर – Gulshan Grover (Bollywood Ke Villain)

बॉलीवुड के बैड मैन यानी गुलशन ग्रोवर को राम लखन में बहुत पसंद किया गया। बॉलीवुड के सबसे हैंडसम विलेन Gulshan Grover ने अपने कॅरियर की शुरुआत 1980 में फिल्म हम पांच से की थी। गुलशन ग्रोवर ने खलनायिकी की बारीकियां प्रेमनाथ और अमरीश पुरी जैसी खलनायकों की फिल्में देख कर सीखी। इन्होने ने केवल हिंदी, बल्कि हॉलीवुड, जर्मन, ऑस्ट्रेलियन, ब्रिटिश और नेपाली फिल्मों में भी काम किया है। फिल्मों के साथ ही गुलशन ग्रोवर ने OTT प्लेटफॉर्म पर भी खलनायक के रोल करने शुरू कर दिए हैं। वेब सीरीज ‘योर ऑनर – 2’ में वे खलनायक के रूप में नजर आने वाले हैं।

गुलशन ग्रोवर की प्रमुख फिल्में – Gulshan Grover Ki Movies

मोहरा, राम लखन, सौदागर, तहलका, विजयपथ, सबसे बड़ा खिलाडी, हेरा फेरी, एजेंट विनोद, सड़क -2 , दस, गैंगस्टर, विश्वात्मा, आँखे, शोला और शबनम, राजा बाबू और सूर्यवंशी।

प्रेमनाथ – Premnath (Bollywood Ke Villain)

1926 में पाकिस्तान के पेशावर में जन्मे प्रेमनाथ रिश्ते में हिंदी फिल्मों के शो मैन राजकपूर और मशहूर विलेन प्रेम चोपड़ा के साले हैं। 1948 में उन्होंने फिल्म ‘अजीत’ से डेब्यू किया। प्रेमनाथ ने जिन फिल्मों में लीड रोल निभाया, उनमें से ज्यादातर फिल्में कुछ ख़ास नहीं चली, लेकिन जिन फिल्मों में उन्होंने नेगेटिव किरदार निभाया, वे सभी फिल्में सफल रहीं। खलनायक के रूप में ज्यादातर फिल्मों में उन्होंने रईस खलनायकों का किरदार निभाया था। 1970 में Premnath ने राजकपूर की फिल्म बॉबी में डिम्पल के पिता की भूमिका निभाई। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड के लिए नामांकित किया गया।

प्रेमनाथ की प्रमुख फिल्में – Premnath Ki Movies

तीसरी मंज़िल, जॉनी मेरा नाम, राजा जानी, धर्मात्मा।

जीवन – Jeevan (Bollywood Ke Villain)

1915 में कश्मीर में जन्मे Jeevan का असली नाम ओंकारनाथ धर था। इनके दादा कश्मीर के गिलगित में गवर्नर थे। 18 साल की उम्र में जीवन फिल्मों में काम करने के लिए घर से भाग कर बम्बई आ गए। 60 और 70 के दशक में जीवन ने बहुत से फिल्मों में इन्होने विलेन का रोल निभाया। इसके साथ ही उन्होने लगभग 60 फिल्मों में नारद मुनि का रोल भी निभाया। फिल्म अमर अकबर एंथनी में इन्होने मुख्य खलनायक की भूमिका निभाई जिसे बहुत पसंद किया गया। जीवन अपनी फिल्मों में एक ख़ास ढंग से डायलॉग दिया करते थे, जिसे Mannerism कहा जाता है। यही Mannerism उन्हें दूसरे खलनायकों से अलग बनाता था।

जीवन की प्रमुख फिल्में – Jeevan Ki Movies

धर्मवीर, अमर अकबर एंथनी, आँखे, हमराज़, नया दौर।

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This Post Has One Comment

  1. Ashok kumar nagar

    जोरदार लिखा 👌🏻👌🏻

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