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Sunil Dutt and Treasure

कैसे ढूंढा सुनील दत्त ने बंगले में छुपा खजाना ? Sunil Dutt and Treasure in Bungalow

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Sunil Dutt and Treasure in Bungalow – अपने ज़माने के मशहूर अभिनेता सुनील दत्त ने एक बार अपनी किस्मत आजमाने के लिए एक छुपे खजाने की तलाश की। आज की पोस्ट में हम उसी किस्से के बारे में जानेंगे। कहानी की शुरुआत 1968-69 के आसपास हुई। जब संजय दत्त के पिता और बेहतरीन अभिनेता सुनील दत्त के मन में बंगला बनाने का ख्याल आया। Sunil Dutt अपने पत्नी Nargis और तीन बच्चों के साथ एक फ्लैट में रहते थे।

इस समय तक लगभग सभी स्थापित अभिनेताओं ने अपने बंगले बना लिए थे। सुनील दत्त ने भी सोचा कि उन्होंने अच्छा खासा पैसा कमा लिया है। अब उनकी फैमिली के लिए फ्लैट छोटा पड़ने लगा है और उन्हें भी दूसरे अभिनेताओं की तरह नया घर बनाना चाहिए।

कैसे मिला खजाने का संकेत Sunil Dutt and Treasure

इसी के साथ Sunil Dutt ने बंगले के लिए जमीन ढूंढना शुरू कर दिया और उनकी खोज पाली हिल पर जाकर ख़त्म हुई। उस समय मुंबई का पाली हिल जंगल जैसा इलाका हुआ करता था। सुनील दत्त को जमीन का एक टुकड़ा पसंद आ गया और उन्होंने तुरंत ही वो जमीन खरीद ली। सुनील दत्त को जमीन का वही टुकड़ा क्यों पसंद आया, इसका कारण बड़ा ही रोचक था।

दरअसल जमीन को देखते समय उन्होने वहां एक सांप को निकलते हुए देख लिया। उन्होंने सुन रखा था कि अगर जमीन पर सांप निकलते हुए दिखे तो इस बात की प्रबल संभावना होती है कि वहां जमीन में कोई छुपा हुआ खजाना मिल जाये।

खजाने की तलाश शुरू Sunil Dutt and Treasure Hunt

जमीन खरीदने के बाद अब बंगले का निर्माण कार्य शुरू हुआ। जमीन में दबे खजाने की उम्मीद में सुनील दत्त ने जमीन पर खुदाई भी शुरू करवा दी। क्योंकि वे असली कारण आर्किटेक्ट को नहीं बताना चाहते थे, इसलिए उन्होंने आर्किटेक्ट से कहा कि वे बंगले में स्विमिंग पूल बनवाना चाहते है और इसके लिए खड्डा खोदना होगा।

बहुत खुदाई के बाद भी जब खजाना नहीं मिला तो उन्होंने आर्किटेक्ट से कहा कि स्विमिंग पूल वाला आईडिया सही नहीं है। क्योंकि वे ज्यादातर समय घर से बाहर रहते हैं, इसलिए यह बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि थोड़ा और गहरा खड़ा खोदो ताकि अंडरग्राउंड बैडमिंटन कोर्ट बनाया जा सके। आर्किटेक्ट ने हुक्म की तामील करते हुई और गहरी खुदाई शुरू कर दी, लेकिन कुछ नहीं मिला।

राजेंद्र कुमार की सलाह Sunil Dutt and Treasure in Bungalow

सुनील दत्त के मित्र और जुबली कुमार के नाम से मशहूर अभिनेता Rajendra Kumar ने सुनील दत्त और नरगिस को सलाह दी कि जब इतनी खुदाई हो चुकी है, तो वहां Movie Preview and Dubbing Theater बना लो। इसे भविष्य में फिल्म निर्माताओं को किराये पर दिया जा सकता है। प्रिव्यू थिएटर वह जगह होती है, जहाँ फिल्म के रिलीज़ के पहले फिल्म निर्माता और कलाकार ट्रायल लेकर यह देखते हैं कि फिल्म पर्दे पर कैसी लगेगी। साथ ही इन थिएटर्स में डबिंग का काम भी होता है। नरगिस को यह आईडिया पसंद आ गया और उन्होंने सुनील दत्त को इसके लिए मना लिया।

‘रेशमा और शेरा’ से हुआ आर्थिक नुकसान Loss due to Reshma Aur Shera

इसी बीच सुनील दत्त ‘रेशमा और शेरा’ की शूटिंग के लिए मुंबई से बाहर चले गए। ‘रेशमा और शेरा’ सुनील दत्त की होम प्रोडक्शन फिल्म थी। सुनील दत्त और नरगिस की कमाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा खर्च हो चुका था। एक तरफ बंगले की निर्माण में खुदाई के कारण बहुत पैसा लग चुका था। दूसरी तरफ होम प्रोडक्शन फिल्म में सुनील दत्त की डायरेक्टर के रूप में क्रिएटिविटी उनकी जेब पर भारी पड़ रही थी। फिल्म की लागत अपने निर्धारित बजट से बहुत ऊपर जा चुकी थी। कुछ समय के बाद बंगला बन कर तैयार हुआ और फिल्म भी रिलीज़ हुई, लेकिन फिल्म को दर्शको ने नकार दिया। ‘रेशमा और शेरा’ एक फ्लॉप फिल्म साबित हुई।

खजाने की तलाश में जेब खाली Empty Pockets

बंगले और फिल्म एक साथ बनाने और बंगले में खजाने की तलाश की सनक के चलते सुनील दत्त और नरगिस की आर्थिक स्थिति बुरी तरह डांवाडोल हो गई। नरगिस पहले ही फिल्मों में काम करना छोड़ चुकी थी। सुनील दत्त की उम्र 40 के पार हो चली थी और उन्हें लीड रोल मिलने कम हो गए थे। रेशमा और शेरा के बाद तो स्थिति और भी ज्यादा ख़राब हो गई और काम मिलना ना के बराबर हो गया। दोनों के ऊपर बहुत कर्जा भी हो गया था।

कैसे बदली खजाने ने किस्मत Sunil Dutt and Treasure Hunt

ऐसे में किस्मत ने उनका एक बार फिर साथ दिया। जमीन में दबा उनका खजाना कुछ और नहीं, बल्कि मूवी प्रिव्यू थिएटर था। जब सिनेमा जगत से जुड़े उनके दोस्तों को इनकी हालत के बारे में पता चला तो मदद करने के लिए वे सभी अपनी फिल्मों के प्रिव्यू और डबिंग के लिए उनका मूवी प्रिव्यू थियेटर किराये पर लेने लगे। इसी के साथ उनका थिएटर आने वाली फिल्मों के प्रिव्यू के लिए फिल्म मेकर्स की पहली पसंद होने लगा और सुनील दत्त साहब को आखिर जमीन में दबा असली खजाना मिल ही गया।

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  1. Anonymous

    Awesome

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