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रणबीर और संजय दत्त की दमदार एक्टिंग पर भारी पड़ा फिल्म का ख़राब स्क्रीन प्ले | Shamshera Star Cast, Story & Review in Hindi

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घोड़े पर सवार रणबीर कपूर। कुल्हाड़ी लेकर घोड़े पर सवार रणबीर कपूर। रणबीर कपूर कुल्हाड़ी और वाणी कपूर के साथ घोड़े पर सवार हैं। ऑडियंस को बिल्कुल सरप्राइज नहीं होता अगर फिल्म का नाम कुछ ऐसा होता तो।

शमशेरा स्टार कास्ट Shamshera Star Cast

  • निर्देशक: करण मल्होत्रा
  • संपादक: शिवकुमार वी. पणिक्कर
  • संगीत निर्देशक: मिथुन
  • निर्माता: आदित्य चोपड़ा
  • कास्ट: रणबीर कपूर, वाणी कपूर, संजय दत्त, रोनित रॉय, सौरभ शुक्ला, त्रिधा चौधरी

शमशेरा फिल्म की कहानी Shamshera Story in Hindi

1800 के दशक के में शुरू हुई ये कहानी, एक डकैत जनजाति और ब्रिटिश शासन के दौरान उनकी लड़ाई की कहानी पर आधारित है। एक बेटे की कहानी कैसे उसके पिता की विरासत से शुरू होती है, ये ही है शमशेरा की कहानी। खमीरन जनजाति कभी राजपूताना सेना की शान हुआ करते थे। लेकिन जातिगत भेदभाव की वजह से पहले उनको समाज से निकाल दिया गया। फिर अंग्रेज़ो ने धोखे से उनको बंधी बना लिया।

कज़ा नाम के एक काल्पनिक शहर पर ये फिल्म आधारित है। कज़ा शहर के एक किले में एक निर्दयी दरोगा शुद्ध सिंह है। जो खमीरन जाति के लोगो को गुलाम बना के रखता है और उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित भी करता है।

लेकिन उन गुलामी की ज़ंजीरो को तोड़ने के लिए एक रखवाला भी पैदा होता है। इन ही के बीच आता है शमशेरा, जो बाद में उन गुलामों का सरदार बन जाता है। फिर अपने कबीले का पहला योद्धा बन जाता है। शमशेरा अपने कबीले की आज़ादी में जी जान लगा देता है और इसी जंग में वो मारा जाता है। फिर वो जिम्मेदारी उसका बेटा बल्ली उठा लेता है। बल्ली उस किले से भाग निकलता है और अपनी एक सेना बना लेता है। क्या बल्ली अपने पिता की तरह अपने कबीले वालो को आज़ादी दिला पायेगा ? इसी पर आधारित है फिल्म शमशेरा।

शमशेरा फिल्म की समीक्षा Shamshera Movie Review

जब Ranbir Kapoor स्टार शमशेरा ने बॉक्स ऑफिस पर धमाका नहीं किया तो निर्माताओं ने दर्शकों कसूरवार ठहरा दिया। फिल्म के प्रोडूसर ने सोशल मीडिया पर ऑडियंस को फिल्म पर नफरत की बौछार करने और निर्माताओं की कड़ी मेहनत का सम्मान नहीं करने का दोषी ठहराया। रणबीर कपूर में एक आकर्षण और एनर्जी है, जिसकी उम्मीद हमें फिल्म देखते वक़्त थी। लेकिन शमशेरा के रूप में रणबीर पूरी तरह से फिट नहीं है।

सोना के रूप में Wani Kapoor आपको ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ की कैटरीना कैफ की याद दिलाएंगी। अधिकतर स्क्रीन समय के लिए, वह उन डीप गले के कपड़ो में नाचते हुए दिख रही है, जो स्पष्ट रूप से 18 वीं शताब्दी से तो दूर दूर मेल नहीं खाते हैं। मुंह में पान चबाते हुए संजय दत्त डराते नजर आ रहे हैं। सौरभ शुक्ला शायर गैंग का वो सदस्य है, जो फरहाद सामजी से जरूर बेहतर है।

देखने के लिए, रणबीर कपूर शमशेरा और बल्ली के रूप में काफी अच्छे रहे हैं। अपने सह-कलाकारों की मजबूत एक्टिंग के बावजूद वे पूरी फिल्म में अपनी पकड़ बनाए रखने में सफल रहे। वाणी कपूर हर उस सीन में चमकती हैं, जिसमें वह दिखाई देती हैं।

करण मल्होत्रा, जिन्होंने पहले अग्निपथ और ब्रदर्स को बनाया, एक तरह से शमशेरा के नाम पर अपनी किस्मत आजमा रहे थे। शमशेरा एक ओल्ड स्कूल फिल्म की ब्लॉकबस्टर बनाने का अवसर था। जिसमे बेहद मजबूत एक्टर्स और इंट्रेस्टिंग कहानी भी थी। लेकिन राइटर फिल्म को जान देने में नाकाम रहे। हद तब हुई जब फिल्म OTT प्लेटफार्म पर रिलीज़ हुई और ऑडियंस अपनी आँखे बंद न रख पाई। असल में एक एक्शन सीन में, अभिनेता वाणी कपूर एक हाथ में तलवार लेकर दुश्मनों से लड़ते हुए दिखाई देती हैं, जबकि दूसरे में एक बच्चे को पकड़े हुए।

बच्चे की जगह वाणी को कपड़े का एक टुकड़ा पकड़े हुए देखा जा सकता है। जिसे देख के साफ ज़ाहिर होता है, कि निर्मातओं ने ऑडियंस को पागल बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। बस इसी पर ट्विटर पर फिल्म की धज्जियां उड़ा के रख दी गयी। अब इस पर डायरेक्टर का ऑडियंस को कुसूरवार ठहराना कही से भी ठीक नहीं है।

आज जब ऑडियंस का झुकाव KGF और RRR जैसी लार्जर देन लाइफ फिल्मो की तरफ बढ़ रहा है, तो शमशेरा जैसी कमज़ोर फिल्म को लार्जर देन लाइफ बता कर रिलीज़ करना ऑडियंस को बेवकूफ बनाने जैसा है।

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