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Mrs Chatterjee Vs Norway

नॉर्वे में भारतीय माँ का संघर्ष – सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म की कहानी | Mrs Chatterjee Vs Norway Review in Hindi

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मिसेज चटर्जी की स्टार कास्ट Mrs Chatterjee vs Norway Film Star Cast in Hindi

  • निर्देशक-आशिमा छिब्बर (Ashima Chibber)
  • कलाकार– रानी मुखर्जी (Rani Mukherji), अनिबार्ण भट्टाचार्य (Anirban Bhattacharya), जीम सर्भ (Jim Sarbh), नीना गुप्ता (Neena Gupta), टीना तौराइते (Tiina Tauraite)
  • श्रेणी- ड्रामा
  • अवधि- 2 घंटे 14 मिनट

मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे की कहानी Mrs Chatterjee vs Norway Story in Hindi

Mrs Chatterjee Vs Norway की कहानी एक ऐसी भारतीय मां की है, जिससे उसके बच्चों को नॉर्वे में अलग कर दिया जाता है। अपने बच्चों को वापस पाने के लिए मिसेज चटर्जी पूरे नॉर्वे के खिलाफ खड़ी हो जाती है। फिल्म 2 घंटे 14 मिनट की है और ये सच्ची घटना पर आधारित है, जो की 2011 में सागरिका चटर्जी के साथ हुआ था।

नॉर्वे चाइल्ड वेलफेयर सर्विस ने सागरिका को उनके बच्चो से इसलिए अलग कर दिया था, क्यूंकि उन्हें लगता था, कि वो अपने बच्चो का ठीक से ध्यान नहीं रख पाती हैं। दो साल की कड़ी मेहनत के बाद सागरिका को उनका बच्चा वापस मिलता है।

फिल्म में सागरिका का किरदार रानी मुखर्जी ने निभाया है और फिल्म में इनका नाम देविका चटर्जी है। देविका अपने पति अनिरुद्ध के साथ नॉर्वे में रहती है। देविका एक बंगाली परिवार से है और वो अपने बच्चो का ख्याल हर भारतीय मां की तरह ही रखती है।

अपने बच्चो को हाथ से खाना खिलाती है, अपने पास सुलाती है और गलती करने पर सजा भी दे देती है।एक बार वो अपने बच्चे के स्कूल में उसका प्रोजेक्ट ले जाना भूल जाती है। इससे टीचर बहुत गुस्सा होती है। ये सारी बाते हमारे लिए तो बहुत नॉर्मल है, पर नॉर्वे में ऐसा नहीं है। वहां की चाइल्ड वेलफेयर सर्विसेज को ये सब बच्चो के लिए टॉर्चर लगता है।

उन्हें देविका का अपने बच्चो का ख्याल रखने का तरीका पसंद नहीं आता और वो उसके बच्चो की कस्टडी अपने पास रख लेते हैं। इसके बाद देविका टूट जाती है और उसे समझ नही आ रहा होता कि वो क्या करे।देविका के पति अनिरुद्ध पर भी डोमेस्टिक वॉयलेंस और पत्नी की मदद न करने का आरोप लगाया जाता है।

इससे चाइल्ड वेलफेयर वाले ये साबित करने कामयाब हो जाते हैं कि देविका और अनिरुद्ध अपने बच्चो का ख्याल रखने के काबिल नहीं हैं। कोर्ट भी बच्चो की कस्टडी चाइल्ड वेलफेयर को से देती है। लेकिन देविका रुकने वाली नहीं थी। वो भी हार नहीं मानती है और कभी अपने बच्चो के लिए कोर्ट में जज से लड़ जाती है, तो कभी अपने बच्चो को चोरी से उठा लाती है। दो सालों तक कोशिश करने के बाद आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाती है और उसे अपने बच्चे वापस मिल जाते हैं।

मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे रिव्यू हिंदी में Mrs Chatterjee vs Norway Review

फिल्म की निर्देशक आशिमा छिब्बर है और उन्होंने बहुत ही अच्छा काम किया है। कहानी सच्ची घटना पर आधारित है तो इसमें डायरेक्टर के तौर पर उनकी जिम्मेदारी भी ज्यादा थी, जिसे आशिमा ने पूरा भी भी किया है। फिल्म का एक्सीक्यूशन थोड़ा और अच्छे से किया जा सकता था।

फिल्म की क़्वालिटी थोड़ी और बेहतर होनी चाहिए थी। फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी इमोशनल और सेंसिटिव है, वही सेकेंड हाफ काफी काफी फास्ट है। रानी मुखर्जी बहुत ही बेहतरीन कलाकार हैं, ये तो सब जानते हैं। वो किसी भी फिल्म को अकेले अपने कंधो पर लेकर चलने का दम रखती हैं और ये उन्होंने पहले मर्दानी और हिचकी जैसी फिल्मों में भी साबित किया है। इस फिल्म में भी उनकी एक्टिंग अच्छी रही है।

बंगाली हाउसवाइफ के रोल में उन्होंने खुद को बहुत अच्छे से ढाला है। वहीं देविका के पति के किरदार में अनिबर्न भट्टाचार्य ने भी बहुत अच्छा काम किया है और वो स्क्रीन पर एक मंझे हुए कलाकार के रुप में दिखाई देते हैं। फिल्म के बाकी कलाकारों जैसे वकील के किरदार में जीम सर्भ, नीना गुप्ता और बाकी के विदेशी कलाकारों ने भी काफी अच्छा काम किया है। फिल्म को आईएमडीबी की तरफ से 7.5 स्टार्स मिले हैं।

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