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Bollywood Ki Vamps

कभी डराती कभी रिझाती बॉलीवुड की 7 बेहतरीन महिला खलनायक Bollywood Ki Vamps in Hindi

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Bollywood Ki Vamps – सिडक्टिव लुक, चटक मेकअप, अनोखा हेयरस्टाइल और आइटम नंबर, ये सभी चीजें उस किरदार से जुड़ी हैं, जो आपको झंझोड़ देगी, जिससे आप हमेशा नफरत करना पसंद करेंगे और अक्सर देखना भी चाहेंगे। आप कल्पना कीजिए कि हमारी बॉलीवुड फिल्में इस स्वाद के बिना कैसी होती अगर ये दिलचस्प महिला खलनायक गायब होती।

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं, बॉलीवुड की मशहूर ‘लेडी विलेन’ की और आप सभी जानते हैं कि वे फिल्म की सफलता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तेज-तर्रार और चालक – मिलिए हिंदी सिनेमा की उन लड़कियों से जिनके बिना भारतीय फिल्में अधूरी हैं।

बिंदु देसाई Bindu Desai (Bollywood Ki Vamps)

बिंदु का जन्म 17 अप्रैल 1941 को गुज़राती परिवार में हुआ। बॉलीवुड में पहले से कनेक्शन की वजह से उनको पहली फिल्म ‘अनपढ़’ मिली। जहाँ उन्होंने एक अनपढ़ माँ की पढ़ी लिखी बेटी का किरदार निभाया। लेकिन नेगेटिव रोल उनकी झोली में फिल्म “दो रास्ते” से आया जिसमे उन्होंने प्रेम चोपड़ा की बीवी का किरदार निभाया।

कटी पतंग के बाद वो फेमस वैम्प बन गयीं। उनका एक फेमस डायलॉग है ‘मेरा नाम है शबनम, प्यार’ से लोग मुझे शब्बू कहते हैं। उन्होंने चंपकलाल जावेरी से शादी की। बिंदु ने 1962 से 2004 की हिट ‘मैं हूं ना’ तक के कॅरियर में 160 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है।

ललिता पवार Lalita Pawar (Bollywood Vamps) 

70 साल के फ़िल्मी कॅरियर में ललिता पवार ने बहुत ऊंचाई देखी है। ललिता पवार का कॅरियर बाल कलाकार के रूप में शुरू हुआ था और लीडिंग लेडी की भूमिकाओं में जारी रहा। ललिता का जन्म 18 अप्रैल 1916 को एक अमीर रेशम व्यापारी के घर हुआ था।

एक फिल्म स्टूडियो का दौरा करते समय युवा ललिता ने फोटो खिंचवाने का अनुरोध किया, ताकि वह खुद को फिल्म में देख सकें। निर्देशक उनकी स्क्रीन उपस्थिति से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें अपनी अगली फिल्म में भूमिका निभाने के लिए कहा। (Lalita Pawar Accident) 1942 में फिल्म ‘जंग-ए-आजादी’ के सेट पर शूटिंग के दौरान एक्टर भगवान् दादा को ललिता पवार को थप्पड़ मारना था। एक्सीडेंटली वो थप्पड़ इतना तेज पड़ गया कि उनकी एक आंख हमेशा के लिए ख़राब हो गई। इसके बाद से वे नेगेटिव शेड्स करने लगीं।

फिल्मों के अलावा उन्होंने टीवी सीरियल्स में भी काम किया। महाभारत में उनके द्वारा निभाया गया मंथरा का किरदार लोगों को बहुत पसंद आया।

मनोरमा Manorma (Famous Vamps of Bollywood)

मनोरमा ने तकरीबन 100 से ज़्यदा फिल्मो में काम किया है। उनका असली नाम एरिन इसाक डेनियल था। उनका जन्म 16 अगस्त 1926 लाहौर में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में 1926 में लाहौर में बेबी आइरिस के नाम से की थी।

बाल कलाकार के रूप में शुरू हुआ करियर पंजाब की सबसे मशहूर एक्ट्रेस में बदल गया। 1948 के बाद से उनको वैम्प और कॉमेडी के रोल मिले और टीवी में भी काम किया। उनकी कुछ प्रमुख फिल्में लावारिस, बॉम्बे टू गोवा, सीता और गीता, दो कलियाँ और मेरे हुज़ूर थी।

नादिरा Nadira (Bollyood Vamps)

नादिरा का जन्म 5 दिसंबर 1932 में हुआ था। 19 साल की छोटी सी उम्र में उन्होंने दिलीप कुमार के साथ फिल्म द सैवेज प्रिंसेस (1952) से बॉलीवुड में कदम रखा। नादिरा को फिल्मों में ज्यादातर उनकी ग्लोइंग स्किन, शार्प फीचर्स और यूरोपियन लुक्स के लिए चुना गया था। नादिरा ने न केवल प्रमुख भूमिकाएं निभाईं, बल्कि कई नेगेटिव रोल भी किये।

इस तरह नादिरा ने 1950 और 1960 के दशक में बॉलीवुड पर एक वैम्प के रूप में राज किया। अपनी सफलता और लोकप्रियता के बावजूद उन्होंने एकाकी जीवन गुजरा। दो शादियां तलाक के साथ खत्म हो गईं। वो अपना जन्मदिन अक्सर पड़ोस के बच्चो के साथ मनाती थी। नादिरा कई तरह की बीमारियों से पीड़ित थी।

शशिकला जावलकर Shashikala Jawalkar (Bollywood Ki Vamps)

शशिकला का जन्म 4 अगस्त 1932 सोलापुर में हुआ था। एक रईस परिवार में पैदा होने के बावजूद शशिकला को अपना बचपन बहुत मुश्किलों में बिताना पड़ा। उनके पिता को हुई व्यापार में हानि के चलते उन्हें बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ा।

ऐसा माना जाता है कि 4 साल की उम्र में उन्होंने 1936 में बनी फिल्म ‘करोड़पति’ में काम किया था। फिल्म के मुख्य हीरो केएल सहगल थे। उनकी शादी ओम प्रकाश सैगल से हुई थी। उन्होंने आयी मिलान की बेला, कभी ख़ुशी कभी ग़म और गुमराह जैसी फिल्मों में काम किया है। 2007 में शशिकला को भारत सरकार ने पदमश्री से सम्मानित किया।

अरुणा ईरानी Aruna Irani (Bollywood Ki Vamps)

अरुणा ईरानी का जन्म 18 अगस्त 1946 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने अज़रा का किरदार निभाते हुए फिल्म गंगा जमुना (1961) से अपने कॅरियर की शुरुआत की। जल्दी ही वे सबसे लोकप्रिय वैम्प के रूप में जानी जाने लगी। अरुणा अपनी फिल्मों में एक आइटम डांसर के रूप में नेगेटिव भूमिकाओं के लिए प्रसिद्ध थीं।

अरुणा ईरानी ने कुकू कोहली से शादी की जो एक निर्देशक, लेखक और संपादक हैं। वैसे तो अरुणा ईरानी ने हिंदी, कन्नड़, मराठी और गुजराती की 500 से अधिक फिल्मों में काम किया है, लेकिन उनकी जोड़ी मेहमूद के साथ बहुत पसंद की जाती थी। इनकी कुछ प्रमुख फिल्में कारवां, हमजोली, औलाद, बॉबी, लव स्टोरी, रॉकी, बेटा और राजा बाबू हैं।

हेलेन Helen (Bollywood Ki Vamps)

हेलेन का जन्म बर्मा में हुआ था। हेलेन का बॉलीवुड में परिचय मशहूर डांसर कुकू ने 1953 में करवाया था। 1958 में उन्हें पहला ब्रेक मिला और उन्होंने हावड़ा ब्रिज फिल्म में ‘मेरा नाम चिन चिन चू’ गाने पर डांस किया। हेलेन को फिल्मों में मुख्य नायिका के रूप में कम ही भूमिकाएँ मिलीं। इसलिए,उसने डांस का विकल्प चुना जो कि उसका भाग्य साबित हुआ।

1960, 1970 और 1985 के दौरान उन्होंने 600 से अधिक फिल्मों में आइटम नंबर किया और खुद को एक डांसर के रूप में स्थापित किया। वे 1960 और 1970 के दशक में भारतीय फिल्मों में कैबरे और बेली डांस की शुरुआत करने वाली पहली अभिनेत्री बनी। हेलन की प्रमुख फिल्में हावड़ा ब्रिज, यहूदी, चलती का नाम गाड़ी, फ़र्ज़, प्रिंस, गुमनाम और कारवां हैं।

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