शाहिद कपूर की नई फिल्म ‘बुल’, ब्रिगेडियर बुलसारा का निभायेंगे किरदार। कौन हैं आपरेशन कैक्टस वाले बुलसारा?- Shahid Kapoor’s Upcoming Movie ‘Bull” in Hindi

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Shahid Kapoor की अगली फिल्म का ऐलान हो चुका है। फिल्म का नाम ‘बुल’ है और इसकी शूटिंग 2022 में शुरू होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शाहिद इस फिल्म में एक रियल लाइफ हीरो का किरदार निभाने जा रहें हैं। किरदार का नाम है ब्रिगेडियर फ़ारूख़ बुलसारा। फिल्म बुलसारा के जीवन पर आधारित है। ब्रिगेडियर बुलसारा 1988 में हुए ऑपरेशन कैक्टस में अपनी वीरता का परिचय दे चुके हैं। शाहिद भी फिल्म को लेकर बहुत खुश हैं, क्योंकि यह फिल्म सत्य घटना आधारित है।

फिल्म की एक्ट्रेस का नाम अभी फाइनल नहीं हुआ है। फिल्म को भूषण कुमार, अमर बुटाला और गरिमा मेहता प्रोड्यूस करेंगे। फिल्म के निर्देशक आदित्य निबालकर हैं और कहानी असीम अरोड़ा और परवेज़ शेख लिख रहे हैं।

ब्रिगेडियर बुलसारा और ऑपरेशन कैक्टस – Shahid Kapoor as Brigadier Bulsara and Operation Cactus

ब्रिगेडियर बुलसारा 1988 में इंडियन आर्मी द्वारा किये गए मिलिट्री एक्शन ऑपरेशन कैक्टस के रियल हीरो थे। भारत के पडोसी देश मालदीव्स के राष्ट्रपति अब्दुल गयूम का तख्ता पलटने की साजिश की गई और श्रीलंका निवासी व्यवसायी अब्दुल्ला लुताफी ने कुछ आतंकवादियों के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम देने की कोशिश की। उन्होंने मालदीव्स को चारों और से घेर लिया और राष्ट्रपति को मारने की कोशिश की। उन्होंने मालदीव्स के सभी मुख्य स्थानों पर कब्ज़ा कर लिया। राष्ट्रपति एक गुप्त स्थान पर छुप गए और मदद के लिए दूसरे देशों को फ़ोन करने लगे। पाकिस्तान और श्रीलंका ने मदद करने से मना कर दिया।

अमेरिका ने कहा कि जब तक वे मदद के लिए पहुंचेंगे, तब तक बहुत देर हो जाएगी। तब इंग्लैंड के प्रधानमंत्री के सुझाव पर उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी को फ़ोन किया। राजीव गाँधी ने तुरंत सेनाओं को मदद के लिए मालदीव्स पहुँचने को कहा। फ़ोन आने के केवल 9 घंटे के अंदर लगभग 400 पैराट्रूपर्स ब्रिगेडियर बुलसारा के नेतृत्व में मालदीव्स के लिए रवाना हो गए। विद्रोहियों ने वहां के एयरपोर्ट पर कब्ज़ा नहीं किया था, इसलिए भारतीय सेना एयरपोर्ट पर सकुशल लैंड कर गई। वहां पहुंचते ही बुलसारा ने राष्ट्रपति को ढूंढ कर उन्हें सुरक्षित निकाला और फिर विद्रोहियों की धरपकड़ शुरू की।

विद्रोहियों के लीडर लुताफी ने मालदीव्स के एक मंत्री के साथ कुछ अन्य लोगों को बंधक बना लिया और पानी के जहाज के द्वारा श्रीलंका की ओर चल दिया, लेकिन भारतीय नेवी उनका रास्ता रोक लिए और उसे गिरफ्तार करके मालदीव्स की सरकार को सौंप दिया गया। भारतीय सेना की वीरता की अमेरिका और इंग्लैण्ड सहित पूरी दुनिया सराहना की थी।

अगर फिल्म में ब्रिगेडियर बुलसारा के जीवन का अहम् हिस्सा ‘ऑपरेशन कैक्टस’ भी दिखाया जाने वाला है, तो निश्चित रूप से फिल्म दर्शकों को बहुत पसंद आने वाली है और शाहिद के कैरियर के लिए एक माइल स्टोन साबित होने वाली है।

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