'रामसे ब्रदर्स' की डर को हर घर तक पहुंचाने की कहानी

70 और 80 के दशक में सात भाइयों का Horror Movies के क्षेत्र में एकछत्र राज था। दुनियां इन्हे 'Ramsay Brothers' के नाम से पहचानती थी।

रामसे ब्रदर्स के पिता फतेहचंद रामसिंघानी कराची और लाहौर में रेडियो का व्यापार करते थे।  पार्टीशन के बाद वे अपने परिवार के साथ मुंबई आ गए। 

अंग्रेजों को उनका नाम पुकारने में दिक्कत आती थी, इसलिए वे उन्हें रामसे कहकर पुकारते थे। इस तरह वे रामसे के नाम से फेमस हो गए।

फतेहचंद का सपना था कि उनका परिवार फिल्मों का निर्माण करे। उन्होंने फैसला किया कि वे अपने बेटों को इसकी ट्रेनिंग देना शुरू करेंगे।

वे अपने परिवार को 2 महीने के लिए कश्मीर ले गए और वहां वे सातों बेटों को फिल्म निर्माण से जुड़े सभी पहलुओं जैसे निर्देशन, साउंड , एडिटिंग आदि सीखाने लगे।

रामसे ब्रदर्स की पहली हॉरर फिल्म 1972 में आई 'दो गज जमीन के नीचे' थी। फिल्म मात्र साढ़े तीन लाख रूपये में बन कर तैयार हो गई। इसे बनाने में 45 दिन का समय लगा था और इसने 50 लाख का व्यवसाय किया।

'दो गज जमीन के नीचे' के साथ एक बहुत ही दिलचस्प और डरावना किस्सा जुड़ा हुआ है। एक सीन के अनुसार कब्रिस्तान की जमीन में एक खड्डा करना था।

थोड़ी बहुत खुदाई करते ही जमीन के नीचे से एक डेड बॉडी निकल आई और डर के मारे चीख पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने गुस्से में उन्हें घेर लिया। बड़ी मुश्किल से फिल्म की यूनिट वहां से जान बचा कर भाग सकी।

फिल्मों का बजट कंट्रोल में रखने के लिए पूरा परिवार फिल्म निर्माण से जुड़े हर काम को खुद करता था।

उन लोगों ने अपना काम काबिलियत के अनुसार बाँट रखा था और वे किसी बाहरी आदमी की मदद नहीं लेते थे।

कुमार रामसे 'स्क्रिप्ट राइटिंग', गंगू रामसे 'सिनेमेटोग्राफी', किरण रामसे 'साउंड डिपार्टमेंट', केशु रामसे 'प्रोडक्शन', अर्जुन रामसे 'एडिटिंग', श्याम रामसे और तुलसी रामसे 'डायरेक्शन' सँभालते थे।

अक्सर उनसे डिस्ट्रीब्यूटर पूछते कि बिना बड़े स्टार्स के आप इतना पैसा क्योँ मांग रहे हैं, तो वे कहते थे कि एक रील देखने के बाद फैसला कीजिये।

एक रील देखने के बाद डिस्ट्रीब्यूटर मुंहमांगी कीमत देने के लिए तैयार हो जाते थे। इनकी फिल्में हमेशा लागत के ऊपर मोटा मुनाफा कमा कर देती थी।

ज़ी टीवी के Subhash Chandra ने उन्हें ज़ी के लिए हॉरर शो बनाने का ऑफर दिया। इसी के साथ शुरू हुआ जी हॉरर शो का सिलसिला।

डर का सफर बड़े पर्दे से छोटे परदे तक जा पहुंचा। यह सीरियल साढ़े 7 सालों तक चला। हॉरर फिल्मों की तर्ज पर एक कहानी ढाई घंटे की बनायी जाती जाती थी और 5 हफ़्तों तक दिखाई जाती थी।

रामसे ब्रदर्स पर भविष्य में वेब सीरीज या फिल्म बन सकती है। अजय देवगन ने रामसे ब्रदर्स के बायोपिक के अधिकार खरीदे हैं। फिल्म या वेब सीरीज कब तक बनेगी, इसकी कोई जानकारी नहीं है।

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