कुंदन लाल सहगल को भारत का पहला सुपर सिंगर कहा जाये तो गलत नहीं होगा। सहगल भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के पहले गायक और इनके बाद आने वाली पीढ़ी के गायकों के आदर्श रहे हैं।

K.L. Saigal का जन्म 11 अप्रैल 1904 को जम्मू में हुआ था।  

कोलकाता की 'हिंदुस्तान रिकॉर्डिंग कंपनी' ने 1930 में सहगल को पहला ब्रेक दिया। रिकॉर्ड में एक तरफ सहगल का गाना 'झूलना झुलाओ' था और दूसरी ओर एक भजन 'होली हो ब्रिज राज दुलारे' था।

शुरुआती तीन फिल्मों में कुंदन लाल सहगल ने कश्मीरी सहगल के रूप में काम किया।

1934 में 'चंडीदास' और 1935 में 'देवदास' रिलीज हुई, जिसने सहगल को रातों-रात शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया। 

उस समय प्लेबैक सिंगिंग नहीं हुआ करती थे। वह पहले ऐसे सुपरस्टार बन गए जो एक्टिंग भी करते थे और खुद गाना भी गाते थे।

एक बार गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की कुछ कृतियों को आवाज देने से उन्हें चुना गया 

 टैगोर ने उनकी आवाज को सुना और जब उन्हें क्या विश्वास हो गया कि सहगल को बंगाली भाषा का ज्ञान है तभी उन्होंने गीत को गाने की अनुमति दी।

1941 में मशहूर फिल्म कंपनी रंजीत मूवी टोन के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया जिसके मुताबिक प्रति फिल्म के लिए उन्हें एक लाख दिया जाना तय किया गया।

रंजीत मूवी टोन के साथ उन्होंने 1942 में 'भक्त सूरदास' और 1943 में 'तानसेन' बनाई। दोनों ही फिल्में सुपरहिट रही। 

सहगल को शराब पीने की बुरी लत लग गई थी। शौक के साथ शुरू हुई शराब नोशी धीरे-धीरे उनकी कमजोरी बन गई।

संगीतकार नौशाद ने उन्हें समझाया कि उन्हें शराब नहीं पीनी चाहिए। इस पर सहगल ने कहा कि अब बहुत देर हो चुकी है और उनका शराब छोड़ना मुमकिन नहीं है।

अपने अंतिम समय में वह मुंबई छोड़कर जालंधर आ गए। 18 जनवरी 1947 को लीवर में खराबी आ जाने की वजह से उनका निधन हो गया।

लता मंगेशकर बचपन में अपने पिता से कहती थी कि वे जब बड़ी हो जाएंगी तो सहगल से शादी करेंगी। तब लता जी के पिता उन्हें समझाते थे, कि जब वे बड़ी होंगी, सहगल की शादी की उम्र निकल जाएगी।

एक बार किशोर कुमार को सहगल ने एक गाना सुनाने के लिए कहा।  किशोर का गाना सुनने के बाद सहगल ने अशोक कुमार को कहा कि तुम्हारा भाई अच्छा गाता है लेकिन उसमे अंग दोष है। वो गाते हुए हिलता बहुत है।

सहगल साहब की बायोग्राफी जानने के लिए यहाँ क्लिक करें 

अगर पोस्ट पसंद आया हो तो शेयर जरूर करें 

White Dotted Arrow