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Amrish Puri Ke Dialogue

हीरो के दिल में भी दहशत जगा देते थे अमरीश पुरी के ये डायलॉग्स | Amrish Puri Ke Dialogue in Hindi

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Amrish Puri Ke Dialogue in Hindi – क्या आपको अमरीश पुरी से ज्यादा कोई आइकोनिक बॉलीवुड विलेन याद है? शायद नहीं। अगर बॉलीवुड विलेन की बात हो और अमरीश पुरी उसमे ना हो, तो ये बिलकुल नामुमकिन है। जितने आइकोनिक अमरीश पुरी के कैरक्टर थे, उससे ज्यादा आइकोनिक थे उनके डायलॉग्स।

अमरीश पुरी भले ही आज हमारे बीच न हों, लेकिन उन्होंने हमें कुछ कभी न भूलने वाले डायलॉग्स दिए हैं। वे एक ऐसे दिग्गज हैं, जिन्होंने सिल्वर स्क्रीन पर लगभग हर संभव किरदार निभाया है। उनकी बेस्ट फिल्म चुनना मुश्किल है, लेकिन फैंस उन्हें विशेष रूप से ‘करण अर्जुन’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘फूल और कांटे’ और ‘झूठ बोले कौवा कांटे’ में पसंद करते हैं। बॉलीवुड के सुपर विलेन्स के बारे में जानने के लिए ‘यहाँ क्लिक’ कीजिये।

नायक Naayak

  • आग में हाथ डालोगे, जल जाओगे। तुम समझ नहीं रहे हो। डाल के देखो फिर पता चलेगा। एक दिन, सिर्फ एक दिन सीएम बन के देखो, आटे दाल का भाव पता चल जायेगा।
  • बेटा 30 साल का तजुर्बा है हमारा राजनीती का। अच्छे अच्छों को चूस कर गुठलियां फेंक दी है।
  • इंटरव्यू तुम लोगे, क्या नाम है तुम्हारा।

जीत Jeet

  • भाई मैं तो देश भक्त हूँ। किसान हूँ। गेंहूं और चावल के साथ चरस और गांजा भी उगाता हूँ। जिसे बेच कर फॉरेन करेंसी लाता हूँ। मैं तो अपनी भारत माता को सोने के पंख लगा रहा हूँ। सच्चा देशभक्त हूँ मैं।

मिस्टर इंडिया Mister India Amrish Puri Ke Dialogue in Hindi

  • मोगाम्बो खुश हुआ।

दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे Dilwale Dulhania Le Jayenge

  • जा सिमरन जा, जी ले अपनी ज़िन्दगी।

झूठ बोले कौवा काटे Jooth Bole kauwa kaate

  • कोई भी झूठ इतना महान नहीं होता, कि जिसके सामने सिर झुक जाये।
  • आदमी को अपनी हैसियत में रहना चाहिए, दूसरे की दया पर जीने को जीना नहीं कहते।
  • पॉल्युशन, पापुलेशन और करप्शन, ये तीनो बीमारियां कपूत बेटों की तरह इस देश को खा जाएगी।

दामिनी Damini Amrish Puri Ke Dialogue in Hindi

विश्वात्मा Vishwatma

  • थप्पड़ तुम्हारे मुँह पर पड़ा है और निशान मेरे गालों पर छपे हैं।

करण अर्जुन Karan Arjun

  • पैसों के मामले में मैं पैदाईशी कमीना हूँ। दोस्ती और दुश्मनी का क्या अपनों का खून भी पानी की तरह बहा देता हूँ।
  • मैं तो समझता था कि दुनिया में मुझसे बड़ा कमीना और कोई नहीं है। लेकिन तुमने ऐन मौके पर ऐसा कमीनापन दिखाया कि हम तुम्हारे कमीनेपन के गुलाम हो गए हैं।

मुक़द्दर का बादशाह Muqudar ka Badshah

  • ऊपर वाले ने ये दिल पत्थर का बनाया है। इसे शॉक तो लग सकता है लेकिन कभी स्टॉप नहीं हो सकता।
  • अजगर किसे, कब और कहा निगल जाता है, ये तो मरने वाले को भी पता नहीं चलता।

इलाका Ilakka Amrish Puri Ke Dialogue in Hindi

  • गलती एक बार होती है, दो बार होती है, तीसरी बार इरादा होता है।

हक़ीक़त Haqeqqat Amrish Puri dialogue

  • चोला बदल लेने से आदमी का चरित्र नहीं बदल जाता।
  • इस वर्दी के अंदर बारूद से बना हुआ जिस्म है। अगर उस जिस्म ने आग पकड़ ली, तो वो धमाका होगा कि तेरे जिस्म के चीथड़े चीटियां तक नहीं ढूंढ पाएंगी।

दिलजले Diljale Amrish Puri dialogue lyrics

  • प्रेमी है, पागल है, दीवाना है।

फूल और कांटे Phool Aur Kaante

  • अपनी किसी प्यारी चीज़ को जब चोट का निशान लगता है तो दिल में दर्द जग उठता है।
  • जवानी में अक्सर ब्रेक फ़ैल हो जाया करती है।
  • जहाँ मेरी आवाज़ पहुंच सकती है, वहां मेरी गोली भी पहुंच सकती है।

गर्व Garv

  • सरकार बदलते ही नेताओं को अफसरों का तबादला करने की बीमारी है।
  • अर्जुन कभी नहीं मरते, अर्जुन लड़ते है।
  • तबादलों से इलाके बदलते है इरादे नहीं।

तहलका Tahelka

  • डाँग कभी रॉंग नही होता।

दीवाना Deewana

  • दुनिया की नजर में मरे हुए लोग कभी जिंदा नहीं हुए, नहीं तो जिंदगी परेशान हो जाती।
  • रसम निभाने के लिए आग में घी डालना ही पड़ता है लेकिन फिर उसी आग से घर भी जलाया जा सकता है।
  • ये दौलत भी क्या चीज़ है। जिसके पास जितनी भी आती है, कम ही लगती है।

ग़दर एक प्रेम कथा Gadar Ek Prem Katha

  • अगर हम हिंदुस्तान की ज़मीन पर पैर रखते तो हज़ारो ज़ख्म उभर आते।

शहंशाह Shahenshah

  • टिप बाद में देना तो एक रिवाज है, पहले देना अच्छी सर्विस की गारंटी होती है।

ऐतराज़ Aitraz

  • आदमी के पास दिमाग हो, तो अपना दर्द भी बेच सकता है।

ये अमरीश पुरी के कुछ ऐसे डायलॉग जो बेहद फेमस हैं। आज के वक़्त में नई पीड़ी भी ‘मोगाम्बो खुश हुआ’ और ‘जा सिमरन जा जी ले अपनी ज़िन्दगी’ जैसे फेमस डायलॉग को जानती है। जैसे ये एवरग्रीन डायलॉग हमारे दिलों में ज़िंदा है, वैसे ही खुद अमरीश पुरी भी हमारे दिलों में ज़िंदा है। आपको बताते चले की अमरीश पूरी का निधन 2005 में हुआ था।

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